संघ की शाखाओं में व्यत्वि-चरित्र का होता निर्माण
गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में रविवार को नगर एकत्रीकरण कार्यक्रम आयोजित किया
गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में रविवार को नगर एकत्रीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें 10 उप नगर के 100 बस्तियों से सैकड़ों स्वयंसेवक शामिल हुए। जिसमें 10 शाखा लगाकर संघ के स्वयंसेवकों को कई तरह की जानकारी दी गई।
मौके पर प्रज्ञा प्रवाह के प्रमुख रामाशीष ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि आरएसएस के कार्यो के बहुत सारे आयाम है, लेकिन काम की धूरी है शाखा। हर रोज देश भर में संघ की 55 हजार शाखाएं लगती है। संघ के स्वयंसेवकों द्वारा देश में 1 लाख 55 हजार सेवा कार्य किए जा रहे हैं। जिससे समाज को सशक्त बनाया जा रहा है। शाखा मनुष्य को देवत्व की ओर ले जाने वाली सीढ़ी है। यही में व्यक्ति का विकास और चरित्र निर्माण के साथ मानव गढ़ने का कार्य होता है। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष में जो विकृतियां आ रही है, हिन्दू समाज के असंगठित होने के कारण हो रहा है। समाज का छुआ-छूत, जाति-पांति का कोढ़ है। आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही देश में हिन्दुओं को जोड़ने का कार्यक्रम कर रहा है। ताकि हिन्दुओ का विराट स्वरूप विश्व क्षितिज पर उभर सके। देश का प्राण ही धर्म ही है, और धर्म ही देश की रीढ़ है। अगर देश को बचाना है, तो धर्म पर आघात मत होने दीजिए। इसके लिए धर्मातरण रोकना होगा। देश का चप्पा-चप्पा संघ युक्त होना चाहिए। देशद्रोही से भारत को मुक्त होना चाहिए। तभी हमारा भारत वर्ष दुनिया का सिरमौर होगा।
मौके पर आएसएस के सह प्रांत प्रचारक राणा प्रताप, प्रांत शारीरिक प्रमुख मनोज, विभाग प्रचारक उमेश, जिला संघचालक देवनाथ मेहरवार, जिला कार्यवाह विनोद, विभाग कार्यवाह दिलीप कुमार, नगर कार्यवाह धर्मेन्द्र एवं डॉ.आरएस नागमणि आदि मौजूद थे।