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दुनिया में कट्टरता थोपना चाहते हैं कुछ लोग : नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को महाबोधि मंदिर के दर्शन किए और वहां पर पूर्जा अर्चना भी की। उन्‍होंने वहां मौजूद दानपात्र में दान भी डाला। यहां आयोजित हिंदु-बौद्ध सम्‍मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध और भगवान श्री कृष्‍ण ने दुनिया को समानता का पाठ पढ़ाया। उन्‍होंने कहा

By Amit AlokEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2015 07:54 AM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2015 07:57 AM (IST)
दुनिया में कट्टरता थोपना चाहते हैं कुछ लोग : नरेंद्र मोदी

गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोधगया में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय हिन्दू-बौद्ध सम्मेलन में कहा कि कुछ कट्टर लोग दुनिया में अपनी विचारधारा थोपना चाह रहे हैं। इससे अशांति फैल रही है।

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हिन्दू और बौद्ध समाज टकराव का पक्षधर नहीं है। दोनों शांति की राह पर चलने की नसीहत देते हैं। दोनों का दर्शन शांति और सद्भाव है। मोदी ने बोधगया को दुनिया में बौद्धों की आध्यात्मिक राजधानी बनाने की बात भी कही।

तस्वीरों में देखें: अंतर्राष्ट्रीय हिंदू बौद्ध सम्मेलन में प्रधानमंत्री का संदेश

महाबोधि मंदिर परिसर में 70 देशों के 222 प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हम बोधगया को उस रूप में विकसित करना चाहते हैं, जो भारत और बौद्ध देशों के बीच एक कड़ी का काम करे। भगवान बुद्ध और भारत के संबंधों की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि भारत को 'बुद्धिस्ट इंडियाÓ कहा जा सकता है, क्योंकि बुद्ध के उपदेशों का भारत अक्षरश: अनुपालन करता है।

मोदी ने कहा कि दुनिया बुद्ध की ओर देख रही है। झगड़े मिटाने के लिए बुद्ध का ही सहारा चाहिए। पर्यावरण की समस्या को भी बुद्ध की शिक्षा के बिना दूर नहीं किया जा सकता। बुद्ध धर्म से ऊपर मानवता को मानते थे। भारत को धर्मनिरपेक्ष बनाने में बुद्ध की भूमिका रही है। हिंदू धर्म पर बुद्ध का व्यापक असर है।

मोदी ने कहा कि कई विद्वानों ने ङ्क्षहन्दू धर्म पर बुद्ध के प्रभाव का विश्लेषण किया है। आदि शंकराचार्य भी बुद्ध से प्रभावित थे। बुद्ध ने संपूर्ण विश्व को एक नया आयाम और नई दिशा दी थी। बुद्ध के आगमन के बाद हिन्दू भी बौद्ध बन गए थे। स्वामी विवेकानंद ने भी बुद्ध की प्रशंसा की थी।

मोदी ने प्राकृतिक विरासत के संरक्षण पर भी जोर दिया और कहा कि यह धर्म के दार्शनिक आधार और सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बोधगया की धरती पर शिक्षक दिवस और जन्माष्टमी के मौके पर आकर वह अपने को धन्य महसूस कर रहे हैं। मोदी ने श्रीकृष्ण और बुद्ध को दुनिया के सबसे बड़े गुरु बताया और कहा कि दोनों की शिक्षा लोगों को प्रेरित करती रही है। बुद्ध ने आष्टांगिक मार्ग व पंचशील का संदेश दिया, तो भगवान श्रीकृष्ण ने कर्मयोग का संदेश दिया। श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध से पहले संदेश दिया था। बुद्ध ने भी युद्ध से विमुख होने का संदेश दिया था। दोनों के संदेश का सार धर्म की स्थापना है।

मोदी ने कहा कि विवेकानंद फाउंडेशन, टोक्यो फाउंडेशन और इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कंफेडरेशन के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय ङ्क्षहदू-बौद्ध सम्मेलन का आयोजन असाधारण बात है। इससे एशिया में आर्थिक विकास के साथ सभ्यता का भी विकास होगा। अगला सम्मेलन जनवरी 2016 में टोक्यो में होगा। इसके लिए कई देशों ने सहमति व्यक्त की है। सम्मेलन में प्रधानमंत्री व प्रतिनिधियों को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से 'बुद्धा फुटप्रिंट इन गुजरातÓ दिखाया गया, जिसमें देवरी मोटी में निर्मित होने वाली 108 फीट ऊंचाई की बुद्ध प्रतिमा और बडनगर के किले आदि शामिल थे।

भगवान बुद्ध और बुद्धेश्वर महादेव को नमन करने के बाद प्रधानमंत्री ने बोधिवृक्ष के समीप फूल चढ़ाए। बुद्ध और उनके दो शिष्य सारिपुत्त व महामोग्गलान के अस्थि अवशेष के दर्शन भी किए। साथ ही तीन बौद्ध भिक्षुओं को प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। मोदी के साथ गृहराज्य मंत्री किरण रिजिजू भी मौजूद थे।

गया अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पर प्रधानमंत्री की अगवानी राज्यपाल रामनाथ कोविंद, जिला के प्रभारी मंत्री श्याम रजक, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव आदि ने की। बोधगया में उनका स्वागत जिलाधिकारी कुमार रवि, बोधगया मंदिर प्रबंध समिति के सचिव एन. दोरजे, लामा लोबजंग ने खादा भेंट कर किया।

'नमो हैं 21वीं सदी के अशोक'

इंटरनेशनल बुद्धिस्ट क नफेडरेशन के भिक्षु ने मंच संचालन के क्रम में नमो को 21वीं सदी के अशोक की संज्ञा दे डाली। कहा कि नमो भारत के पहले शासक हैं, जिन्होंने बौद्धधर्म को इतना बढ़ावा दिया। इसके पूर्व अशोक ने बौद्धधर्म को बढ़ावा देने का काम किया था।है।

इसके मद्देनजर काफी संख्या में अद्र्धसैनिक बल व पुलिस के अधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। सीआरपीएफ का 'नेत्रा लाइव एरियल' महाबोधि मंदिर के समीप जमीन और आकाश से सुरक्षा की निगरानी करेगा।_____


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