बुद्धभूमि पर आकर धन्य हुआ : क्याव
बौद्ध धर्मावलंबियों के प्रमुख आस्था का केन्द्र बोधगया की भूमि को स्पर्श कर अविभूत हूं।
पृष्ठ-1, फोटो-01 जेपीजी में
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जागरण संवाददाता, बोधगया (गया):
बौद्ध धर्मावलंबियों की आस्था के प्रमुख केन्द्र बोधगया की भूमि को स्पर्श कर अभिभूत हूं। भगवान बुद्ध को नमन और पवित्र बोधिवृक्ष का दर्शन करने के पश्चात असीम शांति की अनुभूति हुई। म्यांमार के राष्ट्रपति यू हतिन क्याव ने शनिवार को बोधगया परिभ्रमण के बाद महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के स्वागत कक्ष में ये बातें कहीं, अतिथि पंजी में इन्हें अंकित कर हस्ताक्षर किया। उनकी पत्नी शु शु लविन ने भी हस्ताक्षर किए। राष्ट्रपति क्याव इन दिनों भारत यात्रा पर हैं।
इसके पहले राष्ट्रपति व साथ में आए शिष्टमंडल दल की आगवानी एयरपोर्ट पर जिलाधिकारी कुमार रवि और एसएसपी गरिमा मलिक ने की। बोधगया में बीटीएमसी के समीप भिक्षु प्रभारी भंते चालिंदा ने सभी को खादा भेंट किया। राष्ट्रपति सबसे पहले म्यांमार मोनास्ट्री गए। जहां प्रभारी भिक्षु ऊं न्यानिंदा महाथेरा से मिले और कुछ देर बैठकर उनसे बातें की। उसके बाद महाबोधि मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने गर्भगृह में मंत्रोच्चार के बीच दीप प्रज्ज्वलित किया और चीवर चढ़ाया। पवित्र बोधिवृक्ष, अनिमेष लोचन, चंक्रमण पथ, रत्नागृह, अजपाल निरोध वृक्ष, मुचलिंद सरोवर व राजयतन का दर्शन किया जहां भगवान बुद्ध ने ध्यान-साधना काल व्यतीत किया था। मंदिर परिसर में उन्होंने डेढ़ घंटे व्यतीत किए। आदि शंकराचार्य मठ के बारादरी परिसर में म्यांमार के तत्कालीन राजा मिडुमिन द्वारा बनाए गए मंदिर व 80 फीट विशाल बुद्ध प्रतिमा का दर्शन किया।