भारतीय आर्थिक परिषद का प्रथम शताब्दी समारोह संपन्न
गया। भारतीय आर्थिक परिषद व मगध विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट
गया। भारतीय आर्थिक परिषद व मगध विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार शनिवार को संपन्न हुआ। सेमिनार 'बाबा साहब के अवदानों व विचारों का राष्ट्र निर्माण में प्रासंगिकता' विषय पर आयोजित था।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि आइजीडीआर मुम्बई के कुलपति प्रो. एस. महेन्द्र देव ने कहा कि बाबा साहब का वित्तीय, कृषि, जातीय तथा सामाजिक अर्थशास्त्र आज भी प्रासंगिक है। वे विशुद्ध रूप से अर्थशास्त्री थे। उनके विचारों को सरकार आज साकार रूप दे रही है। मविवि के कुलपति प्रो. कवर अहसन ने कहा कि शिक्षा, आर्थिक विषमता, गरीबी और बेरोजगारी के संबंध में बाबा साहब के विचार काफी मजबूत है। अगर उनके विचारों को आजादी के प्रारंभिक काल से कार्यरूप दिया जाता तो निश्चय ही देश गरीबी व बेरोजगारी की पीड़ा से बचता। समापन सत्र की अध्यक्षता भागलपुर विवि के अर्थशास्त्री डॉ. उग्र मोहन झा ने की। सत्र में परिषद के महासचिव डॉ. अनिल कुमार ठाकुर ने सेमिनार के उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। मंच संचालन डॉ. दिप्ती तनेजा व डॉ. राजेश कुमार ने किया। विवि परिवार की ओर से धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉ. नलीन कुमार शास्त्री व परिषद की ओर से डॉ. विक्रमा ंिसह ने किया।
इसके पहले सेमिनार के तीन अलग-अलग सत्रों का संचालन किया गया। प्रथम सत्र में 20 शोधार्थियों ने अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। तीनों सत्र की अध्यक्षता क्रमश: बीआरए विवि के प्रो. कृषमोहन प्रसाद, मविवि के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. सुदामा प्रसाद व डीजी वैश्णव कालेज चेन्नई के डॉ. आर बाला सुब्रह्माणयम ने किया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष सह संयोजक प्रो. मोहन श्रीवास्तव, डॉ. भारत भूषण, डॉ. कपिलदेव सिंह सहित अन्य प्राध्यापकगण व शोधार्थी उपस्थित थे।