बढ़ती आपराधिक घटनाओं से कोंच पुलिस की साख दांव पर
एक सप्ताह में कोच थाना क्षेत्र अंतर्गत तीन-तीन घटनाओं को अंजाम देकर नक्सली संगठन और अपराधिक।
गया। एक सप्ताह में कोच थाना क्षेत्र अंतर्गत तीन-तीन घटनाओं को अंजाम देकर नक्सली संगठन और अपराधी भागने में सफल रहा। पुलिस मूकदर्शक बनी रही। दो घटनाएं थाना मुख्यालय से महज दो-तीन किमी की दूरी पर हुई। गत सप्ताह कोंच फिलिंग स्टेशन पेट्रोल पंप पर टीपीसी नक्सली संगठन के सात-आठ की संख्या में रहे हथियारबंद दस्ता द्वारा ताडव मचाया गया। कर्मियों से मोबाइल भी छिन लिया। उसी मोबाइल से ही पेट्रोल पंप मालिक मो. सरफराज से दो लाख रुपये लेवी मांगा। नहीं दिए जाने पर अंजाम भुगतने को तैयार रहने की धमकी दी। बकौल मो. सरफराज इसीकी सूचना कोच पुलिस को तुरंत दी। बावजूद पुलिस घटनास्थल तक आने में काफी देर कर दी। जबकि थाना परिसर से पेट्रोल पंप की दूरी दो किमी के आसपास है। प्राथमिकी दर्ज कर ली गई। एक सप्ताह हो गया। उद्भेदन नहीं हो सका। दूसरी घटना शनिवार की देर रात कोच थाना से महज तीन किमी की दूरी पर ग्राम बड़की मदनपुर की है। यहां रामाधार सिंह के घर में घुसकर लगभग डेढ़ लाख रुपये की जेवरात व नगद समेत उड़ाकर ले भागने में अपराधियों का समूह का सफल रहा। इस घटना काभी उद्भेदन नहीं हो सका है। तीसरी घटना तुतुरखी बाजार की है। यहां सोए रहे मुंद्रिका शर्मा की हत्या कर दी गई। इस हत्या की घटना को लेकर राजनीति चरम पर है। सत्ता पक्ष व विपक्ष दोनों मानो मुंद्रिका शर्मा की लाश पर राजनीति करने में लगे हैं। लेकिन पुलिस अब तक न तो मुंद्रिका हत्याकांड में शामिल सही अपराधियों को पकड़ पाई। शंका के आधार पर गिरफ्तार आरोपित को बरी किया गया है। एक पक्ष गिरफ्तार आरोपित को निर्दोष बता रहा है। जबकि पक्ष व विपक्ष दोनों की एक ही माग है। वो ये कि कि पुलिस निष्पक्ष तौर पर जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करे। किसी निर्दोष को फंसाया नहीं जाए। गांव में चर्चा जो चल रही है। उसके अनुसार गत वर्ष रमेश बिन्द की हत्या में दोषी के विरुद्ध पुलिस आज तक कार्रवाई नहीं कर पाई है। कोच पुलिस की निष्क्रियता का ही नतीजा है कि कोंच में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई है।