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सोच से बाहर आने को नये विकल्प की तलाश

By Edited By: Published: Sun, 25 Nov 2012 10:23 PM (IST)Updated: Sun, 25 Nov 2012 10:23 PM (IST)
सोच से बाहर आने को नये विकल्प की तलाश

गया, नगर प्रतिनिधि: प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वावधान में स्थानीय मिर्जा गालिब कालेज में 'बाजारवाद एवं साहित्य' विषय पर रविवार को गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता डा.अफसहजफर, कृष्ण कुमार एवं सत्येंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से की।

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इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि अमेरिका ने भूमंडलीकरण के बहाने बाजारवाद को खूब प्रचारित किया। दुनिया को अपने वश में करने का कुचक्र रचा। इस सोच से बाहर आने के लिए नये विकल्पों की तलाश जरूरी है। साहित्यकारों को भी नये विश्व के लिए इन अमानवीय नीतियों को समाप्त हेतु सशक्त ढंग से लिखना होगा ताकि बड़ा से बड़ा जन आंदोलन खड़ा हो सके।

दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन और मुशायरा सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में कुमार कांत, अहमद सगीर, मरहुम असद फातमी, शांडिल्य सौरभ, अरूण कुमार, डा.अन्नपूर्णा श्रीवास्तव, दीपक कुमार, प्रत्यूष, डा.अब्दुल मन्नान अंसारी, विजय कुमार, नौशाद नादां, फिरदौस गयावी, एहशान दानिश, एहसास गयावी, मना सिंह हसन शाहिन, एकवार, रजिकुल बारी, नीतू सिंह, अजय कुमार आदि ने विचार रखा। मंच का संचालन हरेंद्र गिरि शाद एवं धन्यवाद ज्ञापन डा.अहमद सगीर ने किया।

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