माओवादियों के गढ़ में बंदी का जबरदस्त असर
गया। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के आह्वान पर इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में बुधवार को
गया। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के आह्वान पर इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में बुधवार को बंद का जबरदस्त असर दिखने को मिला। इमामगंज, डुमरिया एवं बांकेबाजार क्षेत्र में पड़ने वाले बाजारों की तमाम दुकानें बंद रही। डुमरिया-गया सड़क मार्ग पर एक भी यात्री वाहन नहीं चले। इस कारण यात्री पैदल ही गंतव्य तक यात्रा करते देखे गए। विधानसभा क्षेत्र के तमाम बैंक भी बंद रहे। आम दिनों की तरह सरकारी कार्यालयों में भी चहल-पहल नहीं देखी गई।
मालूम हो कि जिला मुख्यालय से 70 किमी की दूरी पर स्थित इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में नक्सलियों की समानांतर सरकार चलती है। आज भले ही इनकी मांद में थाना खोल दिया गया हो। जगह-जगह पर सीआरपीएफ कैंप खोलकर इनकी गतिविधियों को कम कर दिया गया हो। लेकिन नक्सलियों द्वारा जारी किए गए फरमान का पालन इस क्षेत्र के लोग आज भी करते हैं। यही वजह है कि माओवादियों के आह्वान के बाद स्वत: ही बाजार बंद हो जाता है।
गुरुआ में नक्सली बंद का व्यापक असर :
प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों द्वारा भारत बंद घोषित का गुरुआ में व्यापक असर रहा। क्षेत्र के सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहने के साथ-साथ गुरुआ से गया एवं गुरारु तक चलने वाली सभी यात्री बसें बंद रहीं। इस कारण आने-जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी हुई। नक्सली बंद का असर सरकारी कार्यालय पर भी देखा गया।