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बोध गया में गूंजा- बुद्ध शंरणम्, धम्मम शरणम् व संघ शरणम् गच्छामि

2561 वीं बुद्ध जयंती को लेकर महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के तत्वावधान में 80 फीट विशाल बुद्ध प्रतिमा दाईबुत्सु से आकर्षक झांकी के साथ शोभा यात्रा निकाली गई।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 10 May 2017 06:32 PM (IST)Updated: Wed, 10 May 2017 07:13 PM (IST)
बोध गया में गूंजा- बुद्ध शंरणम्, धम्मम शरणम् व संघ शरणम् गच्छामि
बोध गया में गूंजा- बुद्ध शंरणम्, धम्मम शरणम् व संघ शरणम् गच्छामि

गया [जेएनएन]। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया में भगवान बुद्ध की त्रिविध पावन जयंती के अवसर पर बुधवार को त्रिशरण घोष (बुद्ध शंरणम्, धम्मम शरणम् व संघ शरणम् गच्छामि) गुंजायमान रहा। 2561 वीं बुद्ध जयंती को लेकर महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के तत्वावधान में 80 फीट विशाल बुद्ध प्रतिमा दाईबुत्सु से आकर्षक झांकी के साथ शोभा यात्रा निकाली गई।

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शोभा यात्रा में बौद्ध भिक्षु, प्रशासनिक अधिकारी, बीटीएमसी सदस्य, स्कूली बच्चे और श्रद्धालुगण शामिल रहे। मुख्य कार्यक्रम विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर परिसर स्थित पवित्र बोधिवृक्ष की छांव में आयोजित किया गया। जिसका उद्घाटन राज्यपाल रामनाथ कोविद ने धम्म दीप प्रज्वलित कर किया।

अतिथियों का स्वागत जिलाधिकारी कुमार रवि ने किया। इसके पहले हीनयान, महायान व थेरवादी बौद्ध भिक्षुओं ने बारी-बारी से सूत्त पाठ किया। समारोह की अध्यक्षता संघनायक ऊं न्यानिंदा महाथेरा, मंच संचालन किरण लामा व डा. कैलाश प्रसाद ने किया।

लगे जय बुद्ध व जय भीम के नारे 

बुद्ध की धरती पर बुधवार को जय बुद्ध व जय भीम के खूब जयकारे लगे। अखिल भारतीय भिक्षु महासंघ के बैनर तले एक अलग धम्म यात्रा भदंत आनंद महाथेरा व भदन्त प्रज्ञाशील थेरो के नेतृत्व में निकाली गई। धम्म यात्रा में शामिल श्रद्धालु हाथों में पंचशील ध्वज लिए जय बुद्ध व जय भीम के जयकारे लगा रहे थे।

इस धम्म यात्रा में शामिल भिक्षुओं व श्रद्धालुओं ने बाबा साहब व अनागारिक धम्मपाल के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उसके बाद विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर के प्रदक्षिणा पथ से परिक्रमा किया। 

मंदिर प्रवेश पर लगा रहा रोक

बुद्ध जयंती को लेकर महाबोधि मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर के गर्भगृह के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। लेकिन राज्यपाल के आगमन को लेकर मंदिर परिसर को खाली करा दिया गया और लगभग एक घंटे तक प्रवेश पर रोक लगा रहा। जिससे श्रद्धालुओं में निराशा का भाव बना रहा। राज्यपाल मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार से मंदिर परिसर में प्रवेश किए। लेकिन उनका वापसी मंदिर के पश्चिमी द्वार से हुआ।

मंदिर से निकलकर राज्यपाल निरीक्षण भवन में गए। लेकिन सुरक्षाकर्मियों द्वारा सड़कों पर आवागमन को रोक दिया गया। जिससे महाबोधि सोसाइटी, बिड़ला धर्मशाला सहित अन्य संपर्क पथ पर जाम की स्थिति बनी रही। 

सेवा भाव में उठे हाथ  

मुख्य समारोह स्थल पवित्र बोधिवृक्ष की छांव में जहां थाईलैंड के दानदाताओं द्वारा बौद्ध भिक्षुओं व श्रद्धालुओं सहित अन्य के लिए शीतल पेयजल, कोल्ड ड्रिंक्स आदि का वितरण किया गया। वहीं, बीटीएमसी में लगभग एक हजार बौद्ध भिक्षुओं को संघदान कराया गया।

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बीटीएमसी के समीप बुद्धिस्ट फ्रेंडशिप कमेटी द्वारा शीतल पेय पदार्थ, सिद्धार्था कम्पैशन ट्रस्ट द्वारा चिल्डे्रन पार्क में भोजन दान किया गया। ट्रस्ट के अध्यक्ष विवेक कुमार कल्याण ने बताया कि आगत बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए दो दिन भोजन दान किया गया। 

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