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पढ़ने-लिखने की उम्र में कर दी जा रही है शादी, वजह जान चौंक जायेंगे आप

जो बच्‍चे सही से शादी शब्‍द तक नहीं लिख पाते हैं, उनकी शादी कर दी जा रही है। गया जिले के डोभी में प्रतिदिन नाबालिगों की शादी हो रही है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 10 May 2017 04:31 PM (IST)Updated: Wed, 10 May 2017 07:21 PM (IST)
पढ़ने-लिखने की उम्र में कर दी जा रही है शादी, वजह जान चौंक जायेंगे आप
पढ़ने-लिखने की उम्र में कर दी जा रही है शादी, वजह जान चौंक जायेंगे आप

गया [नीरज कुमार मिश्र]। ज्ञान का अभाव कहा जाए। या जल्दबाजी में। या फिर कानून का डर नहीं। इन सारी बातों को दरकिनार करते हुए डोभी में इन दिनों दर्जनों नाबालिग बच्चे शादी के पवित्र बंधन मे बंध रहे है। जिन्हें अच्छी तरह से शादी शब्द लिखने नहीं आता हो। मगर शादी शब्द को आसानी से बोल लेते हैं। ऐसे नाबालिग नए जीवन की ओर चलने को कदम बढ़ाने में तनिक हिचक नहीं कर रहे। 

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डोभी में एक धार्मिक स्थल है। यहां इन दिनों वर व वधू पक्ष के लोगों की सहमति से नए व पवित्र रिश्ते बन रहे हैं। शहनाई बज रही है। वर एवं वधू पक्ष के लोगों की उपस्थिति में नाबालिगों की शादी हो जा रही है। परिणय-सूत्र में बंध चुके नवविवाहित वधू की विदाई के रस्म होते हैं।

इसके बाद दोनों पक्ष के लोग अपने-अपने घर की ओर प्रस्थान कर जाते हैं। नवविवाहित बच्चे जो पूरी तरह से अपनी जिम्मेवारी नहीं उठा सकते। उनके परिवार के लोग शादी के बंधन में बांध कर बहुत बड़ी जिम्मेदारी इस उम्र में ही उनके कोमल कंधे पर डाल दे रहे हैं। 

वर-वधू पक्ष के लोग कर रहे बड़ी भूल

देखा जाए तो ऐसा कर वर एवं वधू पक्ष के लोग बड़ी भूल के साथ-साथ कानून की नजर में भी दोषी भी बन रहे हैं। जिससे देखने वाली न तो यहां की पुलिस है। न तो धार्मिक स्थल का प्रबंधन संभाल रहे लोग ही नाबालिग की शादी पर रोक लगा पा रहे हैं। जबकि कानून है कि 21 साल से कम उम्र के लड़के और 18 साल के नीचे की लड़कियों की शादी अपराध है।

दुल्हन का है कहना

मंदिर में हो रहे शादी के जोड़े से बात करने के दौरान दुल्हन बनी मुन्नी, सरोज और प्रीति बताती हैं कि वे पढ़ी लिखी नहीं है। घर में रहकर घरेलू कार्य में हाथ बंटाती है। इस उम्र में शादी के सवाल पर कहती हैं कि हर इंसान चाहता है कि उसकी शादी हो। उम्र कम है तो क्या हुआ? शादी सबके नसीब में नहीं होता। हमारा भाग्य अच्छा है। मेरी शादी घर वालों ने कर दिया। अब मैं खुश हूं। सरकार की नजर में गैरकानूनी है। मगर हमलोगों की नजर में सब सही है। 

कहता है दूल्हा 

नाबालिग दूल्हा आकाश, मंगरेज और सुरेश का कहना है कि सरकार की पढ़ाई किताब के लिए है। समाज में हमलोगों के लिए नहीं। घर वालों ने हमारी भलाई के लिए ही ऐसा किया है, जो मेरी शादी करवा दी। इसके बाद जो जिम्मेदारी कल आने वाली है। वो आज ही मिल गई। आज से ही अपनी पूरी जिम्मेवारी को देखूंगा। इन सारी बातों कहते वक्त इनके चेहरे पर कानून का कोई भय नहीं था। सभी खुश दिख रहे हैं। 

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अभिभावकों का है कहना

नाबालिगों की शादी ब्याह के मौके पर मौजूद वर वधू के अभिभावकों का कहना है कि समय के साथ चलना चाहिए। समाज बहुत खराब होता जा रहा है। लडकी को जल्दी से किसी योग्य लड़के साथ हाथ पीला कर निश्चिंत हो जाना चाहिए। रोज मंहगाई बढ़ रही है। गांव-घर में बदल रहे परिवेश को देखते हुए ऐसा कदम उठाया है।

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