गैर दवा लाइसेंस के खिलाफ संघ ने खोला मोर्चा
गया। दवा विक्रेता संघ के निर्णय पर शनिवार को लाइसेंसी दुकानें बंद कर विरोध प्रकट किया। संघ के आह
गया। दवा विक्रेता संघ के निर्णय पर शनिवार को लाइसेंसी दुकानें बंद कर विरोध प्रकट किया। संघ के आह्वान पर अपनी-अपनी दुकानें बंद दवा विक्रेताओं का एक शिष्टमंडल सिविल सर्जन से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में संघ ने स्पष्ट रूप से लिखा है कि गया जिले में हजारों दवा की दुकान बिना लाइसेंस की चल रही है। जिससे सरकार को राजस्व की हानि के साथ-साथ लाइसेंसी धारी दुकानदारों को भी भारी नुकसान हो रहा है। संघ के सचिव रवि कुमार उर्फ गुड्डू ने कहा कि जिले में गैर लाइसेंसी दुकान ड्रग इंस्पेक्टर के संरक्षण में चल रहा है। जहां से उनको विशेष लाभ मिलता है। जबकि गया शहर में लाइसेंसी दुकानदार लाखों रुपये लगाकर सैकड़ों दवा दुकान चला रहे हैं। लाइसेंसी धारी दुकान पक्का बिल पर अपना पूरा कारोबार करते हैं। लेकिन जिनके पास दवा बेचने का लाइसेंस नहीं है। वैसे लोग पूरे दवा व्यवसाय को बर्बाद कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। ज्ञापन के बाद विक्रेताओं की एक बैठक हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि अगर सिविल सर्जन 24 घंटे के अंदर ऐसे विक्रेता की दुकानों को बंद नहीं कराते हैं, और ड्रग इंस्पेक्टर पर प्राथमिकी दर्ज करते हैं, तो संघ दो दिनों के लिए दवा की थोक मंडी बंद कर अनशन करेगी।