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भारतीय स्टेट बैंक में एक माह में जमा हुआ साढ़े चार सौ करोड़

गया। पिछले माह आज की तिथि को 500 और 1000 के पुराने नोटों के चलन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 08:11 PM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 08:11 PM (IST)
भारतीय स्टेट बैंक में एक माह में जमा हुआ साढ़े चार सौ करोड़

गया। पिछले माह आज की तिथि को 500 और 1000 के पुराने नोटों के चलन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा बंद करने की घोषणा किया गया था। एक माह से बैंकों और एटीएम में ग्राहकों की भीड़ देखने को मिल रहा था। पर धीरे-धीरे नोटो की समस्या हल होते दिखाई पड़ रही है। आरएम मो. अयाजउद्वीन ने बताया कि नोटबंदी के बाद एसबीआई में 450 करोड़ रुपये ग्राहकों ने जमा करने का काम किया। वही पंजाब नेशनल बैंक में 1200 करोड़ रुपये एक माह में जमा हुई है। शहर स्थित स्वराजपुरी रोड बैंक आफ बड़ौदा शाखा में 16 करोड़ रुपये ग्राहकों ने जमा किया है। बैंक के अधिकारियों ने बताया कि ग्राहकों के द्वारा सिर्फ 500 और 1000 के नोट जमा किया गया है। पीएनबी के मंडल प्रमुख विनय कुमार सिंह ने बताया कि सभी शाखा से 1200 करोड़ रुपये जाम हुआ है। जिसमें 500 और 1000 के नोट अधिक है।

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इस माह सबकुछ हो जाएगा सामान्य

भारतीय स्टेट बैंक के रीजनल मैनेजर मो. अजाजउद्वीन ने बताया कि नोट बंदी के घोषणा होने के बाद बैंकों में कुछ दिनों तक ग्राहकों की भीड़ अधिक हो गया था। पर अब धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य होते जा रहा है। कुछ दिनों तक तो बैंक और एटीएम में पैसा के लिए ग्राहकों को लम्बी-लम्बी लाईन दिखाई पड़ता था। जबकि अब ग्राहकों की लाईन में इजाफा होते दिखाई पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि एक माह में गया और जहानबाद जिले के शाखाओं से 450 करोड़ रुपए जमा ग्राहकों के द्वारा किया गया है। इस माह के 15 से 20 तिथि तक सबकुछ सामान्य हो जाएगा। उन्होंने कहा कि राशि निकासी के लिए लगा प्रतिबंध का समाप्त होने की उम्मीद लग रहा है। वही 500 रुपये का नया नोट भी काफी मात्रा में आने की संभावना है।

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एटीएम में ग्राहकों की भीड़ में आई कमी

नोटबंदी का एक माह गुरूवार को गुजर गया। पिछले माह तो एटीएम से पैसा निकालने के लिए ग्राहकों की लम्बी-लम्बी कतार देखा जा रहा था। इस माह में एटीएम से पैसा निकालने को लेकर ग्राहकों में कमी आई है। ग्राहक राजीव कुमार और कमलेश कुमार का कहना है कि एटीएम मशीन से बड़ा 2000 के नोट देने के कारण समस्या बनी है। क्योंकि बड़ा नोट जल्दी बाजार में खुदरा नहीं होता है। जिसके कारण सौ-दो का समान के खरीदारी करने में कठिनाई का समाना करना पड़ रहा है। शहर स्थित लगभग आधा से अधिक एटीएम खुला था। ग्राहक पैसा निकालने का काम आराम से कर रहे थे। जबकि एसबीआई के मुख्य शाखा को छोड़कर सभी बैंकों में ग्राहकों की भीड़ कम देखने को मिल रहा था।


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