मां की आंचल व छाया में बढ़ेगी बेटिया
गया। शहीद सुनील कुमार विद्यार्थी की पत्नी किरण कुमारी, तीन बेटियां व एक बेटा गया के चंदौती स्थि
गया। शहीद सुनील कुमार विद्यार्थी की पत्नी किरण कुमारी, तीन बेटियां व एक बेटा गया के चंदौती स्थित किराए के मकान रह रही है। पति के शहीद होने का गम किरण के चेहरे पर साफ झलक रही थी। 9 दिन पहले उनके पति कश्मीर के उरी में शहीद हुए थे। 9 दिनों में देश के सैनिकों ने अपने साथियों का बदला आतंकियों को मारकर लिया है। गुरूवार को शहीद सुनील की विधवा किरण बातचीत के क्रम में उनकी आंखें कई बार भर आती है। कहती है कि अब सब कुछ मुझे बेटा और बेटियों के लिए करना है। वे थे तो चिंता नहीं थी। वे थे तो सहारा था। दूर में भी वे नौकरी करते थे। तो यह आसरा बना रहता था कि वे मेरे आसपास में है। थोड़ा इंतजार करना पड़ता था। फोन पर बातचीत होती रहती थी। विश्वास था कि उन्हें जब छुट्टी मिलेगी तो वे जरूर आएंगे। लेकिन आतंकियों ने उनका सुहाग और बेटियों से पिता का साया छीन लिया। वे बताती है कि वे जब भी छुट्टी में घर लौटते थे। तो मानो उस समय घर में उत्सव जैसा माहौल रहता था। उनके शहीद होने के बाद भी घर में चहल-कदमी से कई नींद खुल जाती है। उन्होंने मुझे और बच्चों से वादा किया था कि दशहरा में घर आएंगे। लेकिन अब दशहरा जैसे पर्व में परिवार के लिए फीका रहेगा। हंसते-खेलते परिवार में सन्नाटा छाया गया।
अब इन बच्चों की हर सपनों को मुझे ही पूरा करना है। चाहे घर के अंदर या फिर बाहर। पढ़ाई से लेकर बाजार तक। घुमाने से लेकर सामाजिक जानकारी इन बच्चों को देना होगा। नम आंखों से वे बताती है कि इन बच्चों को बचपन में ही पापा का प्यार छीन लिया गया है। जो जिंदगी भर ं नसीब नहीं होगा। मां की गोद में घर का सबसे छोटा सदस्य 2 वर्षीय पुत्र आर्यन राज खेल रहा था। बगल में बड़ी बेटी आरती कुमारी, अंशु कुमारी, अंशिका कुमारी बैठी थी। मुझे ही मां और पिता दोनों का छाया इन बच्चों को देनी होगी। जिस तरह से आतंकियों ने इन बच्चों के सर से पिता का छाया को छीना है। उसी तरह भारतीय सैनिकों को चाहिए कि ऐसे सभी आतंकियों को मार गिराए।
बाप की साया उठाने वाले को कर दें सफाया
शहीद सुनील की बड़ी बेटी आरती कुमारी ने बुलंद आवाज में कहती है कि हमारे सर से बाप का साया उठाने वाले आतंकियों को पूरी दुनिया से सफाया कर देना चाहिए। वीर सैनिकों ने अपने साथियों के मौत बदला करारी जबाब के साथ लिया है। आज जरूरी है कि ऐसे आतंकियों को समाप्त कर देना चाहिए। मन में पिता के खोने का गम था। चेहरे पर पिता का बदला लेने का जज्बा दिख रहा था। पूरी धैर्य के साथ परिवार को बांधे हुई थी। घर की बड़ी बेटी होने के नाते। उसके सिर पर घर की जिम्मेवारियां भी बढ़ गई है। अपने साथ-साथ छोटी बहनें और एक भाई को साथ लेकर चलना है। साथ ही हर कार्य में मां का साथ ही आरती को ही देना है। उन्हें इस बात की खुशी है कि भारतीय सैनिकों ने पाक पर कार्रवाई की है। लेकिन इस बात का भी ख्याल रखना है। इसमें निर्दोष जनता ना मारा जाए। सिर्फ और सिर्फ आतंकियों को मार गिराया जाए। यही शहीद सैनिकों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
दशकर्म आज
शहीद सुनील कुमार विद्यार्थी का गया जिला के परैया स्थित वोकनारी गांव से श्राद्धकर्म हो रहा है। शुक्रवार को इनके घर में शहीद सुनील का दशकर्म है। जहां परिवार के हर सदस्य मौजूद रहेंगे।