नक्सल प्रभावित इलाके में चुनाव कराना चुनौती
गया। बाराचट्टी प्रखंड के 5 पंचायत में शांतिपूर्वक व भयमुक्त चुनाव कराना पुलिस-प्रशासन के लिए बड़ी च
गया। बाराचट्टी प्रखंड के 5 पंचायत में शांतिपूर्वक व भयमुक्त चुनाव कराना पुलिस-प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। प्रखंड के पतलुका, झाझ, बुमेर, दिवनिया, जयगीर पंचायत नक्सली संगठन भाकपा-माओवादी के गढ़ वाले क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। हालांकि इधर पाच वर्षो से अर्द्ध सैनिक बलों के द्वारा जंगलों मे लगातार हो रहे आपरेशन के कारण नक्सली संगठनों का प्रभाव में कमी तो आयी है। परंतु ग्रामीणों मे संगठन के प्रति अभी भी भय व्याप्त है। इधर पंचायत चुनाव के शुरूआती दौर मे ही नक्सली संगठन भाकपा-माओवादी ने बाराचट्टी प्रखंड के कई गाव मे पोस्टर चिपका कर अपनी मौजूदगी का एहसास कराते हुए चुनाव बहिष्कार का एलान कर रखा है। इस बात की चर्चा ग्रामीण क्षेत्रों मे लोग करके सहम जा रहे है। पुलिस प्रशासन इन इलाके मे किस तरह भयमुक्त व लोगों के बीच निष्पक्ष मतदान काराने का काम करेगी? यह तो आने वाला समय बतायेगा। जानकारी हो कि अब तक जिन जगहों पर मतदान का कार्य किया गया है। वहा बिहार पुलिस के होमगार्ड के जवानों को अधिकांश मतदान केन्द्रों पर तैनात कर पुलिस व प्रशासन अपना नैया पार करने का काम किए है। जो बाराचट्टी क्षेत्र के लिए उचित नही हो सकता है। इस बात को लेकर प्रत्याशी भी काफी चिंतित है।