मेडिकल कालेज में निजी एम्बुलेंस के प्रवेश पर लगी रोक, हंगामा
गया। अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कालेज सह अस्पताल प्रशासन ने शनिवार को निजी एम्बुलेंस के प्रवेश पर रोक
गया। अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कालेज सह अस्पताल प्रशासन ने शनिवार को निजी एम्बुलेंस के प्रवेश पर रोक लगा दी है। परिसर में लगे निजी एम्बुलेंस को अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा बलों के सहयोग से बाहर किया। अस्पताल प्रशासन का कहना था कि प्राइवेट एम्बुलेंस चालक यहां भर्ती मरीजों को बहला-फूसला कर निजी नर्सिग होम में ले जाते हैं। जिससे अस्पताल की छवि धूमिल हो रही है। इस तरह की कई शिकायत बराबर मिल रही थी। उसी शिकायत पर प्राइवेट एम्बुलेंस को बाहर किया गया है।
अस्पताल अधीक्षक डा.सुधीर कुमार सिन्हा ने कहा कि पूर्व में मिले शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। किसी भी हाल में अब प्राइवेट एम्बुलेंस अस्पताल में परिसर में खड़ी नहीं होगी। निर्देश के बाद भी अगर प्राइवेट एम्बुलेंस परिसर में खड़ी होती है। तो निश्चित तौर पर सुरक्षा प्रहरी पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि यहां गरीब परिवार के ज्यादा मरीज भर्ती होते हैं। उन्हें अस्पताल के बारे में गलत सूचना प्राइवेट एम्बुलेंस चालक निजी नर्सिग होम में मरीजों को ले जाते थे। इसके एवज में ऐसे चालक को निजी नर्सिग होम से एक बड़ी रकम मिलती थी। साथ ही मरीजों का भी भयादोहन किया जाता है। इसे रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। अस्पताल के प्रवेश द्वार को बंद कर दिया गया है। साथ ही मरीजों को लेकर आने वाले एम्बुलेंस के लिए द्वार पर सुरक्षा प्रहरी को तैनात किया गया है। अगर प्राइवेट एम्बुलेंस चालक मरीज लेकर आते हैं। मरीज के उतारने के बाद तुरंत उसे बाहर कर दिया जाता है। परिसर में खड़ा करने की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी अस्पताल परिसर में भवन निर्माण का काम चल रहा है। इस कारण से सरकारी एवं मरीजों का वाहन खड़ा करने की जगह नहीं है। फिर प्राइवेट एम्बुलेंस खड़ा करने से मरीजों को परेशानी होती है। इस कारण यह निर्णय लिया गया है।
इधर अस्पताल परिसर से प्राइवेट एम्बुलेंस चालकों को बाहर किए जाने पर गुरूवार की दोपहर बाद हंगामा किया। एम्बुलेंस चालक का कहना है कि उन पर अस्पताल प्रशासन ने आरोप लगाया है। वह गलत है। अस्पताल के कई चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी एवं सुरक्षा कर्मी ही निजी नर्सिग होम के सम्पर्क में हैं। वे लोग ही अस्पताल में इलाज की बेहतर व्यवस्था नहीं रहने की बात मरीजों को बताते हैं। इसके एवज में उन्हें मुंह मांगी रकम भी मिलती है। प्राइवेट एम्बुलेंस अगर मरीजों को सहयोग करना बंद कर दे तो प्रतिदिन कई मौत अस्पताल परिसर में हो जाएगी। प्राइवेट एम्बुलेंस चालक जनहित का ख्याल रखकर काम करती है। इस विषय को लेकर प्राइवेट एम्बुलेंस चालक अस्पताल के मुख्य द्वार पर कई समय के लिए हंगामा किया। इसके बाद वे एक बैठक किए। जिसमें अस्पताल प्रशासन द्वारा लिए गए निर्णय पर पुन: विचार करने का आग्रह किया। ताकि मरीजों की जान बचायी जा सके।