10 देशों के भिक्षु करेंगे त्रिपिटक ग्रंथ का सस्वर पाठ
गया। दस दिनों तक विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर त्रिपिटक ग्रंथ के मंत्रोच्चार से गुंजायमान रहेगा। जिसक
गया। दस दिनों तक विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर त्रिपिटक ग्रंथ के मंत्रोच्चार से गुंजायमान रहेगा। जिसका शुभारंभ बुधवार को होगा। सूबे के राज्यपाल रामनाथ कोविद 11 वें त्रिपिटक सूत्त पाठ का महाबोधि मंदिर परिसर स्थित पवित्र बोधिवृक्ष की छांव में उद्घाटन करेंगे। बंगलादेश, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, कम्बोडिया, वियतनाम, लाउस पीडीआर, इंडोनेशिया, नेपाल, भारत के लगभग चार हजार दक्ष बौद्ध भिक्षु त्रिपिटक ग्रंथ के खुद्दक निकाय के सूत्तों का सस्वर पाठ करेंगे। इस बार त्रिपिटक सूत्त पाठ का आयोजक देश कम्बोडिया है।
--------
थाईलैंड से आया त्रिपिटक का पांडुलिपि
त्रिपिटक सूत्त पाठ के निमित थाईलैंड से हस्तलिखित पांडुलिपी को मंगलवार को बोधगया लाया गया। पांडुलिपि को थाईलैंड की मंत्री प्रोम सिद्धि थाई एयरवेज की विमान से लेकर गया पहुंची। गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पांडुलिपि ग्रंथ का परंपरागत तरीके से पुष्प वर्षा व तेरगर मोनास्ट्री के लामाओं ने वाद्ययंत्र वादन कर स्वागत किया। पांडुलिपि ग्रंथ को थाईलैंड की मंत्री प्रोम सिद्धि व वांग्मो डिसकी माथे पर रखकर वाहन से रायल थाई मंदिर पहुंची। थाई मंदिर में पांडुलिपि का पूजा-अर्चना किया गया। इसे बुधवार को कालचक्र मैदान व महाबोधि मंदिर लाया जाएगा। त्रिपिटक के दुर्लभ पांडुलिपि को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी थी। सूत्र ने बताया कि यह पांडुलिपि अफगानिस्तान से नार्वे पहुंचा था। वहां से थाईलैंड लाया गया।
------
सुबह निकलेगी शोभा यात्रा
त्रिपिटक सूत्त पाठ के निमित बुधवार की सुबह रायल थाई मंदिर से कालचक्र मैदान तक शोभा यात्रा निकाली जाएगी। जिसमें दस देशों के बौद्ध भिक्षुओं के अलावे काफी संख्या में बौद्ध श्रद्धालु व स्कूली बच्चों की सहभागिता होगी। काचलक्र मैदान पर बने भव्य पंडाल में उद्घाटन के पूर्व का संबोधन कार्यक्रम निर्धारित है। जिसे भिक्षु शोवारत्न, भिक्षु पीयू मेता, बीटीएमसी सचिव एन. दोरजे, वांग्मो डिस्की व डा. दीशापोल चांश्री का संबोधन होगा। कालचक्र मैदान पर संबोधन कार्यक्रम का समापन डा. रविन्द्र पंत के उद्बोधन से होगा। उसके बाद मुख्य कार्यक्रम महाबोधि मंदिर परिसर में आयोजित होगा। जो लगभग तीन घंटे तक चलेगा। और त्रिपिटक ग्रंथ के खुद्दक निकाय पुस्तक का पूजा-अर्चना किया जाएगा।
--------
पांच सत्र में होगा पाठ
बौद्ध भिक्षु खुद्दक निकाय पुस्तक के सूत्तों का पाठ पांच सत्र में प्रतिदिन करेंगे। प्रतिदिन अलग-अलग देश पाठ का प्रतिनिधित्व करेगा। पाठ करने वाले बौद्ध भिक्षुओं के सुबह का नाश्ता व दोपहर के भोजन का प्रबंध कालचक्र मैदान पर किया गया है। पाठ का पहला सत्र प्रात: 7 से 9 व 9:15 से 11 बजे तक चलेगा। उसके बाद दोपहर में 1:30 से 5 बजे तक पाठ होगा। संध्या बेला में प्रतिदिन महाबोधि मंदिर में धम्मा टाक अलग-अलग देशों के वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं द्वारा किया जाएगा।
-----