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'मोक्ष भूमि' के साथ सरकार का 'सौतेला' व्यवहार!

[देवव्रत] गया। विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2015 के लिए सफाई, जलापूर्ति, प्रकाश, सेनिटेशन व सीवरेज क

By Edited By: Published: Sun, 04 Oct 2015 08:03 PM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2015 08:03 PM (IST)
'मोक्ष भूमि' के साथ सरकार का 'सौतेला' व्यवहार!

[देवव्रत] गया। विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2015 के लिए सफाई, जलापूर्ति, प्रकाश, सेनिटेशन व सीवरेज के लिए राज्य सरकार गया नगर निगम को सहायक अनुदान के रूप में राशि नहीं देने जा रही है। शायद, यह पहली बार हुआ है। जबकि गत वर्ष सरकार ने करीब 70 लाख रुपये मेले की व्यवस्था के लिए दी थी। इसके पहले भी सरकार की तरफ से इस मेले के लिए एक बड़ी राशि देकर नगर निगम को सुदृढ़ व्यवस्था करने में सहायता की है। लेकिन इस बार सरकार 'मोक्ष भूमि' के साथ मानो एक प्रकार से सौतेला व्यवहार कर रही है। जबकि पूरे भारत वर्ष में 'गयाजी' की ही पावन भूमि है। जहां आदि अनादि काल से पितरों को मोक्ष मिलती है। इस निमित लाखों की संख्या में देश के कोने कोने से श्रद्धालु हर वर्ष पितृपक्ष के दौरान यहां आते रहते हैं।

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नगर आयुक्त ने मांगे थे 2 करोड़ 12 लाख

नगर आयुक्त ने 4 सितंबर 15 को सरकार के पास पत्र भेज कर पितृपक्ष मेला की तैयारी हेतु 2,12,02,010 रुपये की अधियाचना भेजा। जिसमें पितृपक्ष मेले के दौरान सफाई व्यवस्था, जलापूर्ति, प्रकाश व्यवस्था, मेनहाल का निर्माण आदि हेतु निधि की मांग की थी।

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सरकार की तरफ से यह जवाब आया

नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव अमृतलाल मीणा ने 28.9.15 को एक पत्र जारी किया। जिसमें नगर आयुक्त से कहा कि ये सभी कार्य नगर निगम को सामान्य तौर पर करना है। स्वच्छता अनुदान मद में विमुक्त की गई राशि से सफाई का प्रबंध किया जाए। 14 वीं वित्त आयोग की राशि से पेयजल, प्रकाश, मेनहाल निर्माण आदि का कार्य करें। पीएएल खाते भी बड़ी राशि शेष की बात बताते हुए उपलब्ध उक्त निधि से पितृपक्ष मेले का उत्कृष्ट प्रबंध करें।

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सरकार ने यह भी कहा

प्रधान सचिव ने नगर आयुक्त से यह भी कहा है कि नगर निगम में राशि उपलब्ध होने के बावजूद पितृपक्ष मेले या अन्य किसी महत्वपूर्ण आयोजन पर अलग से राशि की मांग करने की प्रवृति पर रोक लगाई जाए।

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पार्षद का है कहना

फोटो वार्ड नंबर 20 के पार्षद का

'' मोक्ष की भूमि गयाजी है। पितृपक्ष मेला अवधि में अखिल विश्व से सनातन धर्मावलंबी अपने पितरों को मोक्ष दिलाने को लेकर यहां आते हैं। लेकिन सरकार इस मेला के लिए सहायक अनुदान की राशि न देकर सौतेला व्यवहार कर रही है। जबकि सरकार श्रावणी मेला 2015 के अवसर पर सुलतानगंज नगर परिषद को सहायक अनुदान के रूप में 25 लाख, गुरू गोविंद सिंह की 350 वीं जयंती के लिए सहायक अनुनाद के रूप में 20 करोड़ रुपये पटना नगर निगम को तथा बोधगया में आयोजित होने वाले कालचक्र पूजा 2016 के अवसर पर सफाई, नागरिक सुविधा, नाला निर्माण, सीवरेज व सेनिटेशन योजना मद में 15 लाख रुपये सहायक अनुदान के रूप में राशि का आवंटन सरकार की तरफ से की गई है। मोक्षभूमि को अनुदान न देकर सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है।

धर्मेन्द्र कुमार, सशक्त स्थायी समिति के पूर्व सदस्य सह पार्षद, गया निगम


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