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शिवालयों में भक्तों की लगी रही भीड़

गया। ऐसे तो श्रावण माह में शिवालयों में भक्तों की भीड़ देखी गई। लेकिन श्रावण माह के अंतिम दिन यानि पू

By Edited By: Published: Sat, 29 Aug 2015 08:38 PM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2015 08:38 PM (IST)
शिवालयों में भक्तों की लगी रही भीड़

गया। ऐसे तो श्रावण माह में शिवालयों में भक्तों की भीड़ देखी गई। लेकिन श्रावण माह के अंतिम दिन यानि पूर्णिमा के दिन विशेष तौर पर भक्तों की भीड़ रही। शनिवार को शहर के प्रमुख शिवालय पितामहेश्वर, बुढ़वा महादेव, मारकंडे, रामशिला स्थित स्फटिक शिवलिंग, मां मंगलागौरी मंदिर, मां बंगला स्थान, मां बागेवश्वरी मंदिर, दु:खहरणी मंदिर एवं चौक स्थित काली मंदिर स्थित शिवलिंग की पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तगण पहुंचे। इन मंदिरों में सुबह से भक्तों की लम्बी कतार देखी गई।

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भक्तों के हाथों में पूजा की डलिया और जल से भरा लोटा था। मन में आस्था, विश्वास और श्रद्धा के साथ भक्त मंदिरों में पहुंचे। पूरी श्रद्धा के साथ भक्त बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक किए। यहां के प्राय: मंदिरों में सुबह से ही हर-हर महादेव, ऊ नम: शिवाय और बोलबम का नारा गूंज रहा है। सनातन धर्म के मानने वाले हर भक्त बाबा के दरबार में श्रावण के अंतिम दिन हाजरी लगाने के लिए पहुंचे। श्रद्धालु जो श्रावण माह में किसी कारण वश नहीं पहुंचे पाए। ऐसे कई श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने और आशीर्वाद मांगने के लिए पहुंचे। इस वजह से मंदिरों में विशेष भीड़ देखी गई है।

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पूर्णाहुति के साथ श्रावण माह का हुआ समापन

गया : शहर के शिवालयों में श्रावण पूर्णिमा के दिन विशेष हवन का कार्यक्रम आयोजित की गई। मंदिर की स्थानीय समिति और भक्तगण के सहयोग से सामूहिक पूजा की गई। भक्तों ने हवन कुंड में सामूहिक पूर्णाहुति दी। पूर्णाहुति के साथ ही श्रावण माह का पूजा का समापन हो गया। उसके बाद कई मंदिरों में कुंवारी कन्याओं का पूजन की गई। पूजन के उपरांत कन्याओं का भोजन कराया गया।

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कृत्रिम बल्ब और फूलों से सजाया गया शिवालय को

गया: श्रावण माह के पूर्णिमा के मौके पर शहर के प्रमुख शिवालय को शनिवार को संध्या वेला में विशेष साज-सज्जा की गई। स्थानीय समिति की सहयोग से शिवालय को कृत्रिम बल्ब और रंग-बिरंगे फूल से सजाया गया है। कई मंदिरों में बर्फ की शिली पर कलाकृति बनाई गई है। शहर के पितामहेश्वर, बुढ़वा महादेव, मारकंडे, रामशिला स्थित स्फटिक शिवलिंग, मां मंगलागौरी मंदिर, मां बंगला स्थान, मां बागेवश्वरी मंदिर, दु:खहरणी मंदिर एवं चौक स्थित काली मंदिर एवं शिवलिंग में कई तरह की आकृति बनाई गई। साज-सज्जा और बेहद तरीके से बनाई आकृति को देखने के लिए श्रद्धालु श्रावण पूर्णिमा के संध्या वेला में मंदिर पहुंच रहे हैं। श्रद्धालु हाथ जोड़कर देवों के देव महादेव से सुख, शांति, समृद्ध और विकास के लिए आशीर्वाद मांगा। परिवार, समाज, राज्य और देश में सुख व शांति बने। मंदिरों में देर रात दर्शन करने के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। उसके बाद देर रात शहर के कई मंदिरों में भंडारा का भी आयोजन किया गया।


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