रक्षाबंधन तब और अब विषय पर प्रतियोगिता का आयोजन
गया। रक्षा बंधन के पूर्व संध्या पर शुक्रवार को गुलनार नि:शुल्क महिला सिलाई सेंटर में रक्षाबंधन तब और
गया। रक्षा बंधन के पूर्व संध्या पर शुक्रवार को गुलनार नि:शुल्क महिला सिलाई सेंटर में रक्षाबंधन तब और अब विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतिभागियों ने रक्षा बंधन के इतिहास के साथ बदलते स्वरूप के विषय पर विस्तृत प्रकाश डाला। डा.मंजू शर्मा ने कहा कि आज रक्षा बंधन पर्व बाजार बाद हावी हो गया है। आजकल बाजार में कच्चे सूत की जगह चांदी और सोने की बनी राखी आ गई है। आजकल लोग भाई-बहनों के पवित्र प्रेम को रूपये और पैसों से आंकने लगे हैं। डा.नलिनी राठौर ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि बड़ी संख्या में बेटियां सीमा पर तैनात वीर जवानों के लिए राखी भेजकर उनका हौंसला को बढ़ा रही है। गोपाल प्रसाद सिन्हा ने इस बात पर दु:ख व्यक्त किया कि इंटरनेट के जमाने में भाई-बहन एक-दूसरे को दूर से ही मैसेज कर बधाई दे रहे हैं। सुमंत ने कहा कि गुलनार के माध्यम से प्रत्येक वर्ष पांच से छह सौ बहनों को अपने पैरों पर खड़ा होने की कला सिखला रहे हैं। संस्थान के संचालक नीरज कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मौके पर अंशु कुमारी, गायत्री कुमारी, अर्चना कुमारी, सुनीता कुमारी, खुशबू कुमारी को पुरस्कृत किया गया। मंच का संचालन खुशबू कुमारी और रजनी कुमारी ने की।