Move to Jagran APP

ना मिला सहयोग, खेल संघ के कंधे पर चलता 'खेल'

गया [नीरज कुमार] जिला मुख्यालय में स्थित हरिहर सुब्रमण्यम स्टेडियम में ही खेल का आयोजन होता है। य

By Edited By: Published: Mon, 29 Jun 2015 09:43 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2015 09:43 PM (IST)
ना मिला सहयोग, खेल संघ के कंधे पर चलता 'खेल'

गया [नीरज कुमार] जिला मुख्यालय में स्थित हरिहर सुब्रमण्यम स्टेडियम में ही खेल का आयोजन होता है। यहां जो खेल आयोजित किए जाते हैं, वह सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर आयोजित किए जाते हैं। आयोजन में सबसे ज्यादा योगदान स्थानीय स्तर संचालित खेल संघों का होता है। इन खेल संघों को सरकारी स्तर पर कभी भी आर्थिक सहयोग नहीं मिलता है। फिर भी खेल के आयोजन में उनका ही योगदान रहता है। चाहे जैसे भी हो खेल संघ के पदाधिकारी आपसी तालमेल और आपस में चंदा संग्रह कर खेल को जीवित रखे हुए हैं। चाहे विद्यालय स्तर का हो या फिर जिला स्तर पर। इतना ही प्रमंडल स्तर के आयोजन में संघीय पदाधिकारी सहयोग करते हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि नाम सरकारी खेल का और योगदान संघीय पदाधिकारी का। यह तो हाल है खेल का। इस तरह के आयोजन के लिए उपयुक्त मैदान, खिलाड़ियों को अभ्यास करने के लिए समुचित जगह तक उपलब्ध नहीं है। ऐसे में बिना संसाधन के ही खेलों को जीवंत रखे हुए संघीय पदाधिकारी।

loksabha election banner

यह बात कोई एक खेल का नहीं है, बल्कि सभी खेल का है। चाहे जिला स्तरीय फुटबाल लीग हो, कबडडी, एथलेटिक्स, खो-खो, पोलो, बैंडमिंटन, क्रिकेट, भारोतोलन, बास्केटवाल आदि खेल संघीय पदाधिकारी स्वयं संचालित कराते हैं।

खेलने के लिए उपयुक्त मैदान नहीं :

यहां गांधी मैदान तो है। परन्तु वहां खेल के लिए समतल मैदान नहीं है। ले देकर हरिहर सुब्रमण्यम स्टेडियम में ही खेल होता है। लेकिन दुर्दशा खुद स्टेडियम का मैदान और दर्शकों को बैठने वाली गैलरी बयां कर रही है। यहां का गैलरी पूरी तरह टूटी हुई है। जहां पर दर्शक बैठकर खेल का आनंद तक नहीं ले सकते हैं। स्टेडियम के बाहर चाहरदीवारी भी पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। स्टेडियम तक जाने का रास्ता में जल जमाव है। जहां खिलाड़ी आसानी से पहुंच नहीं पाएंगे। स्टेडियम में बालिकाओं के लिए ग्रीन रूम और यूनिरल तक व्यवस्था नहीं है। अन्य खेल मैदान जैसे लोको मैदान, रेलवे मैदान, हरिदास सेमिनरी, गया कालेज खेल परिसर और जिला स्कूल का खेल मैदान में तो कभी खेल होता ही नहीं है। इन मैदानों के जीर्णोद्वार के लिए कभी भी जिला प्रशासन और खेल मंत्रालय की ओर से प्रयास नहीं किया जाता है। खेल मंत्रालय ने प्रखंड मुख्यालय स्तर पर स्टेडियम का निर्माण तो कराया है। लेकिन वहां भी खिलाड़ियों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराया गया है। सिर्फ मैदान को चारदीवारी से घेरे दिया गया है। उसे ही स्टेडियम का दर्जा दे दी गई है। लेकिन खेल के मापदंड के अनुरूप वह स्टेडियम कतिपय नहीं हो सकती।

--------

राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लहराया परचम

यहां के फुटबाल, कबडडी, खो-खो, विकलांग क्रिकेट, एथलेटिक्स सहित कई खेलों में पुरूष व महिलाओं ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर परचम लहरा चुके हैं। बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों ने अपना प्रदर्शन सरकारी मदद से नहीं बल्कि स्वयं की मेहनत या फिर संघीय पदाधिकारी के मार्गदर्शन व आर्थिक सहयोग से पाया है।

एक कमरे में चलता खेल विभाग का कार्यालय

जिला स्कूल परिसर में जिला और प्रमंडल स्तरीय खेल विभाग का कार्यालय है। जिस भवन में यह कार्यालय चल रहा है, वह जिला स्कूल का मुस्लिम होस्टल है। जहां खेल विभाग का कार्यालय है। परन्तु उस कार्यालय का निरीक्षण करेंगे तो कोई भी खेल का समाग्री नहीं मिलेगी। यहां सिर्फ कागजी कार्रवाई की जाती है। अगर संघीय पदाधिकारी इस कार्यालय को सहयोग न करे तो यहां कोई भी खेल का आयोजन नहीं होगा।

--------

अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम की जरूरत

गया शहर कई मायने में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है। लेकिन इसके बाद भी यहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर खेल का आयोजन करने के लिए उस तरह का स्टेडियम तक नहीं है। बहुत पहले पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मानपुर के बाला पर अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम बनाने की घोषणा किए थे। लेकिन वह भी आज तक पूरा नहीं हुआ।

--------

मनोरंजन के लिए सिर्फ सिनेमा घर

अगर आप अपने परिवार के साथ शहर में मनोरंजन का स्थल तलाश रहे हैं। तो शहर में कहीं नहीं है। यहां मनोरंजन के नाम पर सिर्फ सिनेमा घर है। जहां कुछ क्षण बीता सकते हैं। लेकिन बहुत से लोग सिनेमा घर जाना पंसद नहीं करते हैं। कभी कभार कुछ सीमित लोगों के लिए शहर के एपी कालोनी में सांस्कृतिक केंद्र रेनेसांस में नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह केंद्र ही सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखे हुए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.