बाटम नाला की सफाई को मिला नया आयाम
गया। बार बार दुर्बाबाड़ी रोड में जल जमाव। इसके बाद लोगों का निगम प्रशासन व जनप्रतिनिधि के खिलाफ झल्ला
गया। बार बार दुर्बाबाड़ी रोड में जल जमाव। इसके बाद लोगों का निगम प्रशासन व जनप्रतिनिधि के खिलाफ झल्लाहट। लेकिन किसी ने यह बताने की जुर्रत नहीं की। कि बाटम नाले को जाम होने के पीछे असल वजह क्या है? निगम प्रशासन भी हलकान। नागरिक परेशान। आखिरकार सोमवार को वर्षो से चली आ रही बाटम नाले के जाम की समस्या का काफी हद तक हल निकाल ही लिया गया। निगम प्रशासन सक्रिय हुआ। जांच हुई। पता चला कि कसाव टोला मोड़ पर निगम की अपनी जमीन जिसका रकबा करीब छह सौ वर्गफीट है। कभी इस जगह पर नाला से निकले मलवा को पहले एकत्र किया जाता था। इसके बाद यहां से मलवे को कहीं दूर ले जाकर फेंका जाता था। बात ब्रिटिश काल की भी हो सकती है। लेकिन किसी ने इस निगम की जमीन को अपना मान लिया। और एक बड़ी दीवार देकर घेर लिया। गेट लगा दिया। और अंदर में रिक्शा गिराज चलाना शुरू कर दिया। जिसे आज निगमायुक्त की मौजूदगी में नगर निगम के सहायक अभियंता शैलेन्द्र कुमार सिन्हा के साथ रही सफाई कर्मचारियों की लंबी चौड़ी फौज ने इसे तुड़वा दिया। अब बाटम नाला की सफाई जेसीबी मशीन से भी कराया जा सकता है। मंगलवार को बाटम नाले की सफाई छोटी मस्जिद की तरफ से कराई जाएगी। बताया गया कि यहां से यदि 60 मजदूरों को एक लाइन में खड़ा कर दिया जाए। तो जितनी लंबी लाइन होगी। उतनी दूरी तक अतिक्रमण था। जो आज मुक्त हो गया। एक जगह पुलिया के पास तो उंची दीवार खड़ा कर दिया गया था। उसे भी तोड़ डाला गया। यानि यह कह लें कि बाटम नाले की सफाई को एक नया आयाम मिल गया। जिसके तोड़ने के बाद जेसीबी से भी बाटम नाले की सफाई कसाव टोला से लेकर जीबी रोड (पालित मार्केट) तक सुगमता से हो जाएगा। वहीं एक बात और आज के अभियान में हुआ। वो ये कि देखा गया कि सड़क से सटे बने नालों व नालियों के फ्लैंक मिट्टी या कचरे के कारण जाम हो गया है। जिसके कारण बरसात का पानी नाले-नालियों में न जाकर सड़क पर जल जमाव की समस्या उत्पन्न कर दे रहा है। इस फ्लैंक के मुंह पर जमे मिट्टी को हटाने का काम स्वराजपुरी रोड से सटे कृष्णा पथ में किया। नगर आयुक्त ने सभी सफाई निरीक्षकों को निर्देश दिया कि अपने अपने क्षेत्र अंतर्गत आने वाले नाले व नालियों के फ्लैंक की सफाई करा लें। ताकि बारिश होने पर सड़क पर जल जमाव न रहे।