गतिरोध : आग बुझाने में हांफता है फायर ब्रिगेड
गया। राज्य सरकार गर्मी के मौसम में आगजनी की घटना को लेकर गंभीर है। सरकार ने होमगार्ड मुख्यालय की
गया।
राज्य सरकार गर्मी के मौसम में आगजनी की घटना को लेकर गंभीर है। सरकार ने होमगार्ड मुख्यालय की अनुशंसा पर कई करोड़ रुपया के बजट को स्वीकृति दी है। जिसके कारण जिला से लेकर अनुमंडल मुख्यालय तक अग्निशमन व्यवस्था को काफी सुदृढ़ किया गया है। फायर ब्रिगेड की कई वाहन और कर्मियों के लिए बजट प्रावधान है।
दिल्ली पुलिस की तर्ज पर सूबे में फायर फाइटिंग सिस्टम की परिकल्पना आज से दो वर्ष पूर्व पुलिस मुख्यालय ने किया था। तत्कालीन पुलिस महानिदेशक श्री अभयानंद ने इस संबंध में राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था। तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस मुख्यालय के प्रस्ताव को न केवल स्वीकृत किया। बल्कि करोड़ रुपया का बजट आवंटन भी मंत्रिमंडल के निर्णय से उपलब्ध करा दिया।
दिल्ली फायर फाइटिंग सिस्टम के तहत अपार्टमेंट, सरकारी भवन व निजी मकानों के निर्माण के लिए कई दिशा-निदेश तय किया गया था। जैसे अपार्टमेंट तक पहुंचने के लिए कम से कम 20 फीट चौड़ी सड़क या रास्ता होना चाहिए। यदि आग लगती है तो फायर ब्रिगेड के कर्मी कैसे आग पर काबू पाएंगे? अत्याधुनिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की बात थी। साथ ही कर्मियों के लिए सुरक्षा के लिए कई योजना थी। होमगार्ड मुख्यालय ने बजट प्रावधान के तहत जिला को कई वाहन उपलब्ध करा दिया। लेकिन कर्मियों की संख्या में इजाफा नहीं हो पाया है। साथ ही अब तक फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण का प्रस्ताव अमल में नहीं आ सका है। गया में सीमित कर्मियों के भरोसे फायर ब्रिगेड कार्यरत है।
गया में फायर ब्रिगेड के अलावे अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडा और सेना के ओटीए की फायर फाइटिंग टीम है। जो किसी बड़े हादसे के वक्त जिला प्रशासन की मांग पर अपनी फायर फाइटिंग टीम को भेजती है। विगत वर्षो में ऐसे कई मौके आए हैं जब गया फायर ब्रिगेड के साथ-साथ हवाई अडडा और सेना की फायर फाइटिंग दस्ते की मदद से आग पर काबू पाया गया है। राज्य सरकार के बजट प्रावधान के कारण अनुमंडल मुख्यालयों में भी अलग से फायर ब्रिगेड की व्यवस्था की गई है।