बोतल में उतरी देसी शराब
गया, जागरण संवाददाता : अपने वायदे के अनुसार शिप्रा विवरेज प्राइवेट लिमिटेड ने 1 फरवरी से देसी शराब क
गया, जागरण संवाददाता : अपने वायदे के अनुसार शिप्रा विवरेज प्राइवेट लिमिटेड ने 1 फरवरी से देसी शराब का निर्माण करते हुए पेट बोतल में बंद करने का कार्य शुरू कर दिया। रविवार को मानपुर स्थित देसी शराब निर्माण व बोटलिंग प्लांट का उद्घाटन विधिवत पूजा अर्चना के बाद किया गया। इस मौके पर शिप्रा विवरेज प्रा.लि. के निदेशक विशाल कुमार तथा बोटलर विनोद कुमार के अलावा सहायक आयुक्त उत्पाद विकास कुमार सिन्हा सहित फैक्ट्री के स्थानीय प्रबंधक मिथलेश कुमार मधुप व कर्मचारी उपस्थित थे। उत्पाद विभाग के अधिकारी व बल के जवान भी इस मौके पर आमंत्रित थे।
प्रतिदिन 20 हजार लीटर तैयार होगा शराब
इस शराब निर्माण फैक्ट्री को प्रतिदिन 20 हजार एलपीएल देसी शराब के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसे 200 व 400 एमएल वाले पेट बोतल में भर कर उसे सील करते हुए शहर स्थित बिहार स्टेट विवरेज कारपोरेशन लिमिटेड के गोदाम में पहुंचाना होगा। ताकि गया तथा औरंगाबाद जिले के लिए निर्धारित देसी शराब के कोटे की मांग को पूरा किया जा सके।
पांच में तीन मशीन शुरू
सहायक आयुक्त उत्पाद विकास कुमार सिन्हा ने बताया कि इस प्लांट में पेट बोतल का उत्पादन जितना जरूरी है। उतने का उत्पादन हो रहा है। लेकिन शराब निर्माण के लिए लगे प्लांट के पांच मशीनों से केवल तीन ही कार्यरत हो सकी हैं। दो मशीनों को शीघ्र चालू करने की प्रक्रिया जारी है।
मंगलवार से उपभोक्ताओं तक पहुंचेगी
जिला उत्पाद विभाग की तरफ से यह दावा किया जा रहा है कि सोमवार से पेट बोतल में बंद देसी शराब बिहार स्टेट विवरेज कारपोरेशन के गोदाम में आ जाएगा। जहां से लाइसेंसी शराब का उठाव कर सकेंगे। ऐसे में मंगलवार से बोतल वाली देसी शराब उपभोक्ताओं को मिलने लगेंगे।
पीने के बाद बोतल नष्ट करना होगा
पाउच वाली देसी शराब के सेवन करने वाले लोगों को अक्सर देखा गया है कि इसके सेवन करने के बाद पाउच को इधर-उधर फेंक दिया करते हैं। लेकिन कुछ दिनों के बाद पाउच वाली शराब बिकना बंद हो जाएगा। इसकी जगह पेट बोतल में शराब मिलने लगेंगे। इस बोतल में भरी शराब के सेवन के बाद उपभोक्ताओं को खाली बोतल को नष्ट कर देना होगा।