सभी धर्मो के विकास में बिहार की भूमिका अग्रणी
जागरण संवाददाता, बोधगया (गया) : 15 वें बौद्ध महोत्सव के दूसरे दिन बुद्ध और बिहार पर एक दिवसीय सेमि
जागरण संवाददाता, बोधगया (गया) :
15 वें बौद्ध महोत्सव के दूसरे दिन बुद्ध और बिहार पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का उद्घाटन प्रमंडलीय आयुक्त आरके खंडेलवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि यहां विद्वान जन निर्धारित विषय पर विचार मंथन कर रहे हैं। सेमिनार के मुख्य वक्ता प्रो. अंग राज चौधरी का पेपर पढ़ा गया। उन्होंने कहा कि सभी धर्मो के विकास में बिहार की अग्रणी भूमिका रही है। बुद्ध ने बिहार की भूमि से अपने सिद्धांतों का प्रतिपादन किया, चारिका की। और उनके प्रमुख शिष्य भी बिहार के ही रहे। उन्होंने अपने पेपर में कहा कि सभी धर्मो का संरक्षक भी बिहार के ही रहे हैं। इस क्रम में उन्होंने सम्राट अशोक की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने बिहार से लेकर बाहर तक बौद्ध धर्म को प्रचारित और प्रसारित किया। और प्रमुख बौद्ध स्थली और बौद्ध कालीन शिक्षा का केन्द्र बिहार में है। सेमिनार में प्रो. केके नारायण ने बौद्ध भिक्षुओं बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार में दिलचस्पी दिखाने की अपील की। उन्होंने कहा कि जब अंगुलीमाल भगवान बुद्ध का शरणागत हो सकता है। तो अशांति व दहशत फैलाने वाले क्यों नहीं बुद्ध से प्रभावित हो सकते हैं। आवश्यकता बस उन तक उनके विचार को पहुंचाने की है। इसके लिए बौद्ध भिक्षुओं को आगे आना होगा और भगवान बुद्ध की भांति उन्हें भी जंगलों में निवास करना होगा। सेमिनार को विभिन्न मोनास्ट्री व मगध विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्राध्यापकों व जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने संबोधित किया। सेमिनार में प्रो. कुसुम कुमारी, डा. कैलाश प्रसाद, किरण लामा, द्वारिको सुन्दरानी, भंते के. मेंदाकर थेरा सहित अन्य शामिल थे।