हड़ताल पर रहे निगमकर्मियों ने किया प्रदर्शन
गया, जागरण संवाददाता : नगर निगम में औद्योगिक अशांति के साफ संकेत नजर आते हैं। एक तरफ निगम कर्मचारियो
गया, जागरण संवाददाता : नगर निगम में औद्योगिक अशांति के साफ संकेत नजर आते हैं। एक तरफ निगम कर्मचारियों का आरोप है कि निगमायुक्त का व्यवहार उनके प्रति अच्छा नहीं है। वहीं कर्मचारियों को पांच-छह महीने का वेतन नहीं दिया जा रहा। दैनिक मजदूरों के वेतन भुगतान, सात प्रतिशत महंगाई भत्ते की मांग सहित 10 सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार से निगम कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। निगम स्टोर के पास अल सुबह निगम के सभी कर्मचारी पहुंच गए थे। स्टोर के प्रवेश द्वार पर प्रदर्शन किया। इसके बाद यहां से जुलूस की शक्ल में कर्मचारी बिहार लोकल बाडीज इम्प्लाइज फेडरेशन के बैनर तले निकले। जो निगम कार्यालय के पास पहुंचा। यहां सभा को मोहन शर्मा, दीपक राम, अशोक राम, जयनारायण प्रसाद, विनोद कुमार, सुगंध कुमार, मनोज राम, सुनील कुमार, गणेश राम, मनोज शर्मा आदि ने संबोधित किया। फेडरेशन के मंत्री अमृत प्रसाद ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नगर आयुक्त कार्यालय में आकर अच्छा व्यवहार नहीं करते। 18 दिसंबर को निगम स्टोर के तीन कर्मचारियों द्वारा वेतन मांगने पर उन्हें बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया गया। एक दर्जन कर्मचारियों पर आरोप पत्र जारी किया गया। श्री प्रसाद ने कहा कि कर्मचारियों को असमाजिक तत्व की संज्ञा दी जाती है। उनके साथ बल प्रयोग किया गया। आगे कहा कि कर्मचारियों के साथ वेतन कटौती, दुर्व्यवहार, मानसिक प्रताड़ना आदि पर रोक लगाने के लिए निगम अधिकारी ने कई बार आश्वासन दिया। लेकिन दमनात्मक रवैया जारी है। अशोक राम ने संतोष राम को दवा व इलाज के लिए पैसे देने की मांग की। जूता, मौसमी वर्दी व सुरक्षा के सामग्रियों की व्यवस्था करने आदि की मांग की है। वक्ताओं ने कहा यदि ऐसा नहीं किया गया तो हड़ताल जारी रहेगा।
---------------
बाक्स
'आक्रोश के कारण हड़ताल'
गया: बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ की एक बैठक में नेताओं ने निगम कर्मचारियों के हड़ताल का कारण बताते हुए कहा है कि निगमायुक्त के आक्रोश के कारण निकाय कर्मी हड़ताल पर हैं। महासचिव श्यामलाल प्रसाद, अध्यक्ष विनय कुमार सिंह का कहना है कि महीनों से वेतन बंद, वर्दी की आपूर्ति नहीं होना, हर बात में कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार, कर्मी द्वारा अपनी बात रखने पर वेतन बंद करना, स्पष्टीकरण पूछना, सेवा संहिता नियमावली का उल्लंघन कर कर्मचारियों से जबरन 10 बजे से 5 बजे तक कार्यावधि के तुरंत बाद शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक रैन बसेरा में काम करने के लिए बाध्य करना आम बात है।
-------------
सफाई पेशा से जुड़े लोगों को सुविधा नहीं
गया: महादलित (मेहतर) विकास मंच के अध्यक्ष प्रभात कुमार राउत ने कहा है कि सफाई पेशा से जुड़े मेहतर, डोम, तुरी को शहरी क्षेत्र में न तो आवास और न ही निगम कर्मचारियों को मेडिकल सुविधा नहीं है। राष्ट्रीय आयोग सफाई कर्मचारी के सदस्य को प्रेषित पत्र में श्री राउत ने कहा है कि बिहार सरकार इन लोगों के लिए किसी तरह की सुविधा नहीं दे रही है। शहरी सफाई कर्मी के परिवार को इंदिरा आवास, स्वास्थ्य कार्ड, रोजगार के लिए नरेगा से जोड़कर उनके जीवन दशा बदली जा सकती है।