गया जिला सूखे की चपेट में
संवाद सूत्र, गुरुआ :
सावन माह के पुरवईया हवा ने किसानों की नींद हराम कर रही है। गया जिला के किसान लगातार कई वर्षो से सुूखाड़ के चपेट में है।
सुखाड़ के नाम पर सरकार से मिलने वाली सुविधाये बिचौलिया से ज्यादा नही होती है। इसलिए मध्य वर्ग के किसान सरकारी राहत से बिल्कुल वंचित रह जाते है। सावन के महीना मे पुरवाईया हवा किसानों के लिए अशुभ संकेत देती है। सावन से पहले वाली महीना जेठ और आषाढ़ मे जो पछिया हवा चली इससे किसानों को ऐसी लग रही थी की इसवर्ष वर्षा अच्छी होगी किन्तु सावन के पुरवाईया हवा सबको रूला दिया। गया जिला के अधिकाश प्रखंड के लोग वर्षा के ही पानी पर आश्रित है। उसमें खास कर गुरूआ के किसानों के पास वर्षा के बाद दूसरा कोई खेती का विकल्प नही है। कुछ गांव के लोग बरसाती नहरे से लाभ लेते है वह भी नहर झारखण्ड मे अच्छी बारिश होने पर मोरहर नदी मे उफान होती है। तब ही बरसाती नहर की पानी किसानों के खेत तक पहुँचती है।