सुखद संयोग: मोक्ष व ज्ञान की भूमि पर रामकथा : बापू
फोटो-07 व 08 जेपीजी में
जागरण संवाददाता, बोधगया (गया): रामकथा वाचक संत श्री मोरारी बापू ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि मोक्ष व ज्ञान की भूमि पर रामकथा का वाचन आयोजित है। इस भूमि पर धर्मो का समन्वय रहा है। बुद्ध का अर्थ बौद्धिक रूप से जागृत पुरुष होना है। उक्त बातें श्री बापू शनिवार की शाम बोधगया के कालचक्र मैदान पर आयोजित रामकथा वाचन के दौरान कही।
उन्होंने अपनी कथा को अरण्य काड से प्रारंभ करते हुए कहा कि अध्यात्म में क्रम नहीं होता। यह कथा बौद्धिक रूप से जागृत मार्यादा पुरूषोतम भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित है। जो मनुष्य को एक सफल जीवन जीने की प्रेरणा देती है। आध्यात्म विज्ञान का संयोग है। मनुष्य का शरीर अनमोल है, इसलिए अपने शरीर के अवलोकन पर बल देना चाहिए। भगवान बुद्ध ने अपने शरीर की चिंता छोड़ यर्थाथ का अवलोकन किया था। मनुष्य को शीशे के सामने खडे़ होकर खुद का अवलोकन करना चाहिए। हमारे शरीर में कितने चक्र हैं यह चक्र और पंखुड़िया कैसे खुलती है। तुलसी दास ने भी कहा है कि 'बडे़ भाग्य मनुष्य तन पावा' परमात्मा ने बडे़ करूणा से मनुष्य का तन दिया है। इसलिए इस पर पहले ध्यान देना चाहिए। मनुष्य की आख, कान व दात जब काम करना कम कर देता है, तभी लोग इस पर ध्यान देते हैं। राजकुमार सिद्धार्थ भी साधना काल में शरीर का अवलोकन करना बंद कर दिए थे। लेकिन जब वे अपने शरीर का अवलोकन किए तब मोक्ष की वेदना उठी थी।
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वैदिक मंत्रोच्चार व बुद्ध वंदना से शुरू हुई रामकथा
गया: संत शिरोमणि मोरारी बापू द्वारा बोधगया के कालचक्र मैदान पर प्रस्तावित कथावाचन कार्यक्रम शनिवार को शुरू हुआ। कथावाचन का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार व बुद्ध वंदना के साथ हुई। बौद्ध भिक्षुओं व सनातनी संत ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित किए। बौद्ध भिक्षुओं ने बौद्ध परंपरा के अनुसार बापू का स्वागत खादा भेंट कर किए। वहीं, बापू ने भी सभी बौद्ध भिक्षुओं व सनातनी संतों का स्वागत अंग वस्त्र भेंट कर किए। उसके बाद मोरारी बापू के साथ आए संगीत मंडली द्वारा श्री राम चरित मानस के चौपाई का स्वरवद्ध तरीके से गायन किया गया। उसके बाद बापू रामकथा का वाचन आरंभ किए।
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कथा श्रवण को उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
गया: पहली बार मोरारी बापू द्वारा बुद्धभूमि बोधगया में रामकथा का वाचन किया जा रहा है। रामकथा का श्रवण (सुनने) करने के लिए बोधगया में सनातनी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं के आवासन व भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था निगमा मोनास्ट्री में कराया गया है। वहीं, शनिवार को कथा शुरू होने से पहले कालचक्र मैदान के समीप वाहनों का काफिला लग गया। मगध प्रमंडल के विभिन्न जिलों से श्रद्धालु छोटे-बड़े वाहनों से बोधगया पहुंच रहे हैं।