अदालती आदेश पर डीएम कार्यालय पहुंची निगरानी टीम
जागरण संवाददाता, गया: निगरानी ब्यूरो की टीम को गया में कई ऐसे कागजात हाथ लगे हैं जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि अधिकारी मनमानी करते रहे हैं। गुरुवार की देर शाम तक निगरानी ब्यूरो के अपर पुलिस अधीक्षक अविनाश कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम जांच में जुटी हुई थी। वरीय उप समाहर्ता राकेश कुमार के समक्ष एनडीसी कार्यालय में एएसपी श्री कुमार, इंस्पेक्टर बिनोद कुमार सिंह एवं एक अन्य अधिकारी देर शाम तक बाल विकास परियोजना, कल्याण एवं विधि शाखा की फाइल एवं लंबित आवेदनों की जांच की। करीब 500 ऐसे कागजातों की जांच होने की सूचना है।
सूत्रों के अनुसार सर्वाधिक विधि शाखा की फाइल एवं लंबित आवेदन जांच का मुख्य केन्द्र बिंदु था। जांच टीम को ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिससे यह पता चलता है कि जानबूझकर मामले को सुनवाई के नाम पर लंबित रखा गया। कई मामलों में सुनवाई के लिए लंबी-लंबी तारीख मुकर्रर की गई। जैसे तीन-तीन महीने बाद अगली तिथि सुनवाई के लिए वादी को दिया गया। ऐसी कई संचिकाएं विधि शाखा से मिलने की सूचना है। वहीं, आंगनबाड़ी सेविका की बहाली को लेकर प्रशासनिक स्तर पर की गई कार्रवाई सवालों के घेरे में है। संबंधित फाइल निगरानी टीम के द्वारा जांच की गई है। सूचना के अधिकार को लेकर प्राप्त आवेदनों पर प्रशासनिक कार्रवाई के संबंध में भी पूछताछ होने की सूचना है। टीम ने यह जानना चाहा कि शिकायत होने पर क्या प्रशासनिक कार्रवाई की गई?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निगरानी ब्यूरो की तीन सदस्यीय जांच टीम को कई ऐसे कागजात हाथ लगे हैं जिससे कई बड़े अधिकारियों की रातों की नींद उड़ सकती है।
गुरुवार की देर शाम तक निगरानी ब्यूरो की तीन सदस्यीय टीम एनडीसी कार्यालय में फाइलों को खंगाल रही थी। इस संबंध में निगरानी ब्यूरो के एएसपी श्री कुमार ने कहा कि उन्हें कुछ नही कहना है। वे माननीय उच्च न्यायालय के आदेश पर जांच करने आए हैं। उन्होंने कहा कि जांच में जो तथ्य व जानकारी सामने आएगी उसे अपनी जांच रिपोर्ट के माध्यम से अदालत के समक्ष रखा जाएगा।
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