1 फरवरी से शहर, मानपुर एवं बोधगया की बिजली आपूर्ति निजी हाथों में
नीरज कुमार, गया
नये साल में नयी शुरूआत के साथ राज्य सरकार ने बिजली विभाग के कुछ चिंह्नित क्षेत्रों को निजी हाथों में सौंप दिया है। निजी कम्पनी 1 फरवरी 2014 से गया शहर, मानपुर एवं बोधगया क्षेत्र की बिजली आपूर्ति, मरम्मत एवं राजस्व संग्रह करने का कार्य शुरू करेगी। उक्त तीनों क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली आपूर्ति देने की बात कही गई है। साथ ही उपभोक्ताओ को किसी तरह की परेशानी होने पर 1 घंटे के अंदर उसका निदान की जाएगी। उपभोक्ताओं को अपना बिजली बिल जमा करने के लिए उनके के ही वार्ड में एक-एक काउंटर भी खोलने की योजना है। साथ ही डीवीसी कालोनी में इंडिया पावर कापरेशन लिमिटेड (आइपीसीएल) ने अपना मुख्य कार्यालय खोला है। जहां से एक कंट्रोल रूम के माध्यम से गया शहर, मानपुर एवं बोधगया क्षेत्र में संचालित होने वाले कम्पनी के काउंटर पर निगरानी रखा जाएगा।
इस आशय का लेकर 31 दिसम्बर 13 को पटना के विद्युत भवन में ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव एवं पावर कारपोरेशन के सीएमडी संदीप पौण्ड्रिक एवं साउथ व नौर्थ के एमडी संजय अग्रवाल की उपस्थित में बिजली विभाग की ओर से मुख्य अभियंता (वाणिज्य) एस.के.पी.सिंह एवं आइपीसीएल के सीएमडी सिद्धार्थ मेहता, एमडी अशोक गोस्वामी एवं विजनेस हेड प्रवीण सिन्हा ने हस्ताक्षर किए। दोनों के बीच अनुबंध के पेपर का आदान-प्रदान किया गया।
आइपीसीएल के मुख्य सूचना जन सम्पर्क पदाधिकारी राकेश रंजन ने मंगलवार को दूरभाष पर बताया कि बिजली विभाग और आइपीसीएल के बीच 15 वर्षो के लिए समझौता हुआ है। बिजली विभाग ने आइपीसीएल को गया शहर, मानपुर एवं बोधगया क्षेत्र में बिजली आपूर्ति, मरम्मत, मीटर रीडिंग, विपत्र वितरण एवं राजस्व संग्रह के लिए अधिकृत किया है। उन्होंने बताया कि निर्धारित क्षेत्र के उपभोक्ताओं को विश्वस्तरीय बिजली आपूर्ति की जाएगी। कम्पनी की सोच है कि उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली मिले। राज्य सरकार और पावर कारपोरेशन द्वारा निर्धारित बिजली दर ही उपभोक्ताओं से ली जाएगी। उस दर में कम्पनी कभी भी छेड़छाड़ नहीं करेगी। उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए प्रत्येक वार्ड में राजस्व संग्रह केंद्र होंगे। किसी भी तरह खराबी होने पर अपनी शिकायत आन लाइन करने कर सकते हैं। साथ ही उपभोक्ताओं की सुविधा के अनुसार अपने ही वार्ड में अपना बिजली जमा कर सकते हैं। घर से लेकर ट्रांसफार्मर में आने वाले तकनीकि खराबी को शिकायत दर्ज होने के 1 घंटे के अंदर दूर की जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि बिजली विभाग के पदाधिकारी और कर्मचारियों का क्या होगा? इस पर उन्होंने कहा कि यह तो उनकी इच्छा पर निर्भर करता है। फिर भी कम्पनी ने तीन माह मिलकर कार्य करने का निर्णय लिया है। अगर वे आगे भी काम करना चाहते है, तो कम्पनी सहयोग करेगी। साथ ही जिन क्षेत्रों में बिजली का निजी करण नहीं हुआ है वैसे क्षेत्रों में बिजली विभाग के पदाधिकारी व कर्मचारी अपने स्तर से काम करेंगे। उसमें कम्पनी का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। चीफ पीआरओ श्री रंजन का कहना था कि निर्धारित क्षेत्र बकाएदारों से भी आइपीसीएल कड़ाई से राशि वसूल करेगी। उस बकाए राशि को बिजली विभाग के खाते में जमा कराया जाएगा। उस राशि में सिर्फ कमीशन कम्पनी को मिलेगी। बेहतर और अच्छी सुविधा देने के लिए कम्पनी कटिबद्ध है।
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