गैंगरेप प्रकरणः महिला आयोग का सवाल, एेसे अस्पताल का आखिर मतलब ही क्या
मोतिहारी में लड़की से दुष्कर्म की घटना की सूचना पर पहुंची महिला आयोग की सदस्य ने अस्पताल प्रशासन और पुलिस प्रशासन को जमकर फटकार लगाई। कहा गृहमंत्रालय को रिपोर्ट दी जाएगी।
पूर्वी चंपारण [जेएनएन]। रामगढ़वा थानाक्षेत्र में दरिंदगी की शिकार लड़की की हालत जानने के लिए शनिवार को अस्पताल में नेताओं से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का तांता लगा रहा। राष्ट्रीय महिला आयोग ने लड़की से मिलने के बाद पुलिस प्रशासन और अस्पताल प्रशासन को खूब खरी-खोटी सुनाई।
सदर अस्पताल की व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एेसे अस्पताल का ही क्या मतलब जहां झूठी रिपोर्ट बनती हो। इलाज के नाम पर केवल खानापूर्ति होती हो।
मामले में पुलिस की शिथिलता पर गरमाई आयोग सदस्या सुश्री सुषमा साहू ने एसपी को भी निशाने पर रखा। एसपी से साफ कहा कि उन्होंने घटना को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने जिले में दस साल में दर्ज हुए बलात्कार के मामलों की जानकारी मांगी और घटना के बारे में गृहमंत्रालय को अपनी रिपोर्ट करने को कहा है।
आयोग सदस्या सुश्री सुषमा साहू शनिवार को मोतिहारी पहुंची थीं। लड़की की हालत देखकर वे गुस्से में थीं। इस दौरान कहा कि लड़की के साथ दुष्कर्म हुआ है। उसके शरीर के प्राइवेट पार्ट में इंज्यूरी है।शुरू में डॉक्टरों ने इस मामले को दबाने की कोशिश की। पुलिस से लेकर प्रशासन तक का रवैया एक जैसा रहा।
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क्या दुष्कर्म हुआ तो जवाब आया- हां, पर मौखिक ही
सदर अस्पताल में मामले की जांच को पहुंची सुश्री साहू ने अस्पताल के उपाधीक्षक से सीधे सवाल किया कि क्या आप मानते हैं कि लड़की के साथ दुष्कर्म हुआ है? इसपर उनका जवाब आया हां। लेकिन, जैसे इस बात को कागज पर लिखकर देने को कहा- डीएस ने लिखा, एकार्डिंग टू हर स्टेटमेंट ....। इसके बाद साहू ने सिविल सर्जन डा. प्रशांत कुमार से उसी सवाल को दोहराया तो उन्होंने कहा- तात्कालिक तौर पर दुष्कर्म का संकेत चिह्न नहीं पाया गया।
जो हुआ वह बेहद गंभीर व शर्मनाक
सुश्री साहू ने कहा कि लड़की के साथ जो हुआ वह बेहद गंभीर और शर्मनाक है। इस मामले में सीधे तौर पर स्थानीय अस्पताल प्रशासन और पुलिस दोषी है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी जाएगी। सोमवार को आयोग की अध्यक्ष के समक्ष मैं रिपोर्ट पेश करूंगी। इस बार इस मामले में जितने भी दोषी हैं वे नपेंगे। अस्पताल से निकलने के बाद आयोग की सदस्य अतिथि गृह में पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र राणा से मिलीं।
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सीआइडी एसपी ने भी दर्ज किया बयान, रामगढ़वा में भी की जांच
पुलिस मुख्यालय से शनिवार को सीआइडी की एसपी अनुसूइया रण सिंह ने मोतिहारी पहुंचकर पूरे मामले की जांच की। इस दौरान उन्होंने सदर अस्पताल में पीड़िता व उसके माता-पिता के बयान दर्ज किए। फिर यहां से सीआइडी की टीम रामगढ़वा पीड़िता के गांव गई और एसपी ने थाने में अबतक हुई कार्रवाई का अध्ययन किया। इस दौरान आरोपितों के घर पर भी टीम ने पहुंचकर जांच की। बाद में उन्होंने कहा कि मामले की जांच की गई है। पीड़िता व उसके परिजनों का बयान दर्ज किया गया है। इस बारे में फिलहाल कुछ भी जानकारी नहीं दी जा सकती है। वे अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगी।
केंद्रीय मंत्री और सांसद भी मिले पीड़िता से
सदर अस्पताल में इलाजरत दरिंदगी की शिकार लड़की से शनिवार को केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह व केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा, पश्चिम चंपारण के सांसद डा. संजय जायसवाल, कल्याणपुर विधायक सचीन्द्र प्रसाद सिंह समेत कई नेता मिले। सभी ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया कि इस मामले में न्याय होगा।
बोले कृषि मंत्री- 15 साल पहले से भी खराब हालत
बिहार में एक बार फिर 15 साल पहले से भी खराब स्थिति हो गई है। मुख्यमंत्री कानून अपना काम कर रहा है बस यहीं डायलॉग दे रहे हैं। लेकिन, कानून कहां काम कर रहा है। यदि कानून काम करता तो इस तरह के अपराध नहीं होते और अपराधियों को संरक्षण थाना स्तर पर बैठे अधिकारी नहीं देते।
कुशवाहा ने पूछा-कहां है सुशासन
मुख्यमंत्री कहते हैं बिहार में सुशासन है। लेकिन कहां है सुशासन। जिस दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह मान लेंगे कि बिहार में सुशासन नहीं है। अगले दिन से राज्य की कानून व्यवस्था में सुधार होने लगेगा। मोतिहारी जिले में हुई दुष्कर्म की दो घटनाओं में जिस तरह से पुलिस ने अनदेखी की है। उससे एक बात साफ हो गई है कि बिहार की जनता कराह रही है। यदि हालात नहीं बदले तो सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेंगे।
एसपी ने कहा- होगी सख्त कार्रवाई
मामले के मुख्य आरोपित को जेल भेजा जा चुका है। शनिवार को शेष तीन लोग भी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। सभी मुख्य आरोपित के भाई है। इस घटना की बाबत जो मेडिकल रिपोर्ट आई है, उसके आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।