बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
जागरण संवाददाता, रक्सौल : भारत-नेपाल सीमा के हिमालय की तलहटी वाले क्षेत्र में शुक्रवार की दोपहर के ब
जागरण संवाददाता, रक्सौल : भारत-नेपाल सीमा के हिमालय की तलहटी वाले क्षेत्र में शुक्रवार की दोपहर के बाद तेज हवा के साथ हुई बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। वहीं बारिश से रबी फसल बर्बाद हो गई। इसके साथ ही नगर परिषद क्षेत्र कीचड़ व जल-जमाव से नरक में तब्दील हो गया। पानी ने शहर की सफाई व पानी निकासी व्यवस्था की पोल खोलकर रख दिया है।
पानी से शहरी क्षेत्र का हाल
गेटवे ऑफ नेपाल के नाम से चर्चित शहर में हल्की बारिश से दिल्ली-काठमांडू को जोड़ने वाले पथ पर कीचड़ व फिसलन से पैदल चलना कठिन है। हाल ही में सड़क निर्माण कार्य शुरू हुआ, जिसके लिए गिट्टी व मिट्टी का मिश्रण कर बिछाया गया। इससे सड़क कई स्थानों पर कीचड़ से सन गया है। इधर तुमड़िया टोला, नेपाली स्टेशन, डंकन रोड, परेउवा, रेलवे क्रासिंग, एयरपोर्ट रोड, मौजे मुहल्ला, पुराना एक्सचेंज रोड, स्टेशन रोड, रेलवे कॉलोनी रोड आदि क्षेत्र जल-जमाव व कीचड़ से अटा पड़ा है। इस क्षेत्र के मुहल्लावासियों का घर से निकलना व उक्त रास्ते से पैदल या वाहन से चलना मुश्किल हो गया है।
खेती किसानी पर प्रभाव
पिछले दस दिनों में अचानक दूसरी बार बारिश से तेलहन, दलहन व गेहूं की फसल को काफी क्षति हुई है। इसके पूर्व हुई बारिश में ओले के साथ तेज हवा व पानी से फसल को नुकसान हुआ है। थोड़ी-बहुत खेत-खलिहान में बच्ची हुई फसल भी बर्बाद हो गयी। धान की फसल को पानी के अभाव में और रबी की फसल को रूक-रूक बेमौसम हुई बारिश से क्षति पहुंची है।
क्या कहते हैं किसान
मुखिया सह किसान वीरेन्द्र झा, पूर्व मुखिया माधवशरण सिंह, मो. एहतेशाम, किसानश्री सुबोध कुशवाहा, उप प्रमुख नायाब आलम, अभियंता भरत प्रसाद व वीरेन्द्र प्रसाद ने बताया कि फसल 20 प्रतिशत हुई है। बाढ़-सुखाड़ की मार से किसान ऋण से दबते जा रहे है। सरकार से फसल क्षति की राशि या समय पर खाद-बीज व उवर्रक नहीं मिल रहा है। ऋण के बोझ से मुक्त होने के लिए खेतिहर भूमि ब्रिकी करना या आत्महत्या ही विकल्प बच गया है।