शमीम की गिरफ्तारी को बंद रहा ढाका
सिकरहना (पू.च.), संस. : माता-पिता व भाई की हत्या के बाद सीतामढ़ी जिले के डुमरा थानाक्षेत्र की लड़की स
सिकरहना (पू.च.), संस. : माता-पिता व भाई की हत्या के बाद सीतामढ़ी जिले के डुमरा थानाक्षेत्र की लड़की सिमरन को कैद कर उसका शारीरिक शोषण करने के मुख्य आरोपी मो. शमीम की गिरफ्तारी के लिए लोगों ने बुधवार को ढाका बंद रखा। लोगों ने सड़क पर उतरकर आगजनी की और उग्र प्रदर्शन कर अपने आक्रोश का इजहार किया। इस दौरान ढाका स्वत: स्फूर्त बंद नजर आया। बंद का प्रभाव ग्रामीण इलाकों में भी देखा गया।
बंदी का नेतृत्व विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, सीमा जागरण मंच, हिन्दू धर्म समाज, भाजपा, राष्ट्रीय मुस्लिम मंच सहित विभिन्न संगठनों ने किया। बंद के समर्थन में उक्त संगठनों के अलावा अल्पसंख्यक समुदाय के युवक भी सक्रिय रहे। सुबह ही विभिन्न विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। आगजनी कर बंदी को सफल बनाने की शुरूआत किया। देखते-देखते यहां के व्यवसायी भी लोगों ने समर्थन कर सड़क पर आ गए। बंदी के कारण इलाके की सड़कों पर बड़े वाहनों का परिचालन नहीं हुआ। इस दौरान बड़हरवा सिवन, मठिया मोहन, पचपकड़ी, रूपहारा नहर चौक, परतापुर, गंगापीपर, करसहियां, रक्सारहीमपुर, बिसरहियां में भी बंद का व्यापक असर दिखा। शिवहर सीतामढ़ी और नेपाल से आने वाले यात्रियों को ढाका से करीब पांच किलोमीटर पहले ही वाहन छोड़कर पैदल यात्रा करनी पड़ी। वहीं चिरैया प्रखंड में बंद का असर दिखा। ढाका रेफरल अस्पताल में भी आंदोलन का प्रभाव दिखा। यहां बुधवार को महज 20 मरीजों का ही रजिस्ट्रेशन हो पाया। जबकि अन्य दिनों में तीन से चार सौ मरीज निबंधन करा कर इलाज कराते है। बंद का गैस एजेंसी, बैंक, प्रखंड कार्यालय परिसर सहित अन्य विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं पर व्यापक असर दिखा। इस दौरान विधि व्यवस्था को लेकर सिकरहना एसडीओ स्वप्निल, डीएसपी उमेश्वर चौधरी, एएसपी राजीव कुमार, प्रशिक्षु आईएस सह ढाका बीडीओ राघवेन्द्र सिंह सहित पुलिस के जवान गस्त लगाते रहे।
घंटो रुके रहे पुलिस वाहन
विधि व्यवस्था संधारण के लिए को लेकर ढाका आ रहे पुलिस वाहनों का काफिला ढाका रूपहारा चौक के समीप करीब घंटे भर रूका रहा। इसकी सूचना मिलने के साथ ढाका थानाध्यक्ष अशोक कुमार सक्रिय हुए। पुलिस अधिकारियों ने आंदोलनकारियों से वार्ता कर वाहनों को उनके निर्धारित स्थान तक पहुंचाया।
शमीम को मिले फांसी की सजा
बंदी के दौरान प्रभु नारायण के नेतृत्व में युवा कार्यकर्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आंदोलनकारी द¨रदा शमीम को गिरफ्तार करो, उसे दो फांसी की सजा, सीबीआई से जांच कराओ जैसे नारे लगा रहे थे।
आरोपी के पड़ोसी भी शामिल हुए बंदी में : आजाद चौक ढाका जहां से शमीम के क्रूरता की कहानी शुरू हुई वहां के लोगों ने भी बंदी में शामिल होकर प्रशासन की निष्क्रियता का विरोध किया। विभिन्न संगठनों द्वारा गांधी चौक की ओर बंदी को सफल बनाने में लगे थे। आजाद चौक पर बंदी कराने में समाजिक कार्यकर्ता नूर आलम खां, रंगीन खां, भोला खां, पप्पू खां, जारून खां सहित दर्जनों युवा सक्रिय रहे। इन समाजसेवियों का कहना ढाका की पवित्र धरती को शमीम कहीं और से आकर कलंकित करने का काम किया है। वैसे अपराधियों के लिए काली कोठरी के अलावा कहीं जगह नही है।
महिलाओं ने बुलंद की आवाज :
ढाका की सफल बंदी को देखने पहुंची महिलाओं ने कहा कि वह बहुत बड़ा पापी है उसे फांसी की सजा सरकार को देनी चाहिए। एक माह बीत गया लेकिन पुलिस की क्या व्यवस्था है कि आरोपी पुलिस पकड़ से बाहर है।
बंदी को सफल बनाने में इनकी रही अहम भूमिका : विहिप के प्रदेश सह मंत्री अशोक कुमार अधिवक्ता, सीमाजगरण मंच के प्रदेश मंत्री धीरज जायसवाल, जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र प्रसाद, हिन्दू धर्म समाज के बंकेश्वर सिंह, पप्पू चौधरी, वसीम आलम, प्रमोद मिश्रा, बबलु गुप्ता, दीनानाथ प्रसाद, किशोरी प्रसाद, नवल किशोर प्रसाद, बीगन सिंह, मोहन साह, जितेन्द्र कुशवाहा, रवि कुमार, राहुल कुमार, कन्हैया कुमार, मनोज साह, कृष्णा दास, आनंद भारतीय, विक्रमादित्य सहित कई कार्यकर्ता शामिल रहे।