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हादसों को न्योता दे रहे वर्षों पुराने जर्जर पुल

धीरे-धीरे अब जानलेवा बनते जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Mar 2017 03:03 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2017 03:03 AM (IST)
हादसों को न्योता दे रहे वर्षों पुराने जर्जर पुल
हादसों को न्योता दे रहे वर्षों पुराने जर्जर पुल

दरभंगा। वर्षों पूर्व सड़क व नदी-नाले पर बनाए गए पुल रख-रखाब के अभाव में धीरे-धीरे अब जानलेवा बनते जा रहे हैं। किसी भी वक्त कोई बड़ा हादसा यहां हो सकता है। इस सभी से बेपरवाह जिला प्रशासन व संबंधित विभाग चैन की नींद सो रहे हैं। करीब 50 वर्ष पुराने इन पुलों का मरम्मत कार्य भी शायद ही कभी हुआ हो। इतना ही नहीं इन जर्जर पुलों के पास प्रशासन की ओर से न तो कोई क्षतिग्रस्त का बोर्ड लगाया गया है, न तो कोई चेतावनी दी गई है। भगवान भरोसे लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इन पुलों से रोज गुजरते हैं। शहर में ऐसे तीन पुल हैं, जहां कभी भी कोई अनहोनी की घटना हो सकती है। इनमें शुभंकरपुर स्थित महराजी पुल व बाघमोड़ से दिल्ली मोड़ जाने वाले रास्ते में दो अन्य सड़क पुल हैं। वर्षों पूर्व अंग्रेजों ने नदी पार करने के लिए इन पुलों को बनवाया था। धीरे-धीरे शहर की आबादी बढ़ती गई और इनपर बड़ी-बड़ी गाडियों का परिचालन शुरू हुआ। अब यह पुल बढ़ती हुई आबादी और गाड़ियों का बोझ उठाने में धीरे-धीरे असर्मथ होता जा रहा है। पुल के उपरी भाग पर तो सड़क का निर्माण करा दिया जाता है, लेकिन पुल नीचे से धीरे-धीरे जर्जर होता जा रहा है। महराजी पुल को देखे तो साफ-साफ पता चलता है कि इसके लोहे के पाएं बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए है। हालांकि पूर्व में तत्कालीन नगर आयुक्त महेन्द्र कुमार ने महराजी पुल के आगे एक सावधानी का बोर्ड लगवाया था। बेला गुमती के आगे स्थित दो सड़क पुलों का हाल भी कुछ ऐसा ही है। सीमेंट व ईंट के पाएं अब धीरे-धीरे खिसकने लगे हैं। ऐसे में अगर समय रहने पुलों का मरम्मत कार्य शुरु नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।


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