ठाकुर अनुकूलचंद्रजी के जन्मोत्सव में उमड़े श्रद्धालु
अनुकूलचंद्र जी की 129 वां जन्म महोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
दरभंगा। शहर के भैरोपट्टी सत्संग भवन में रविवार को ठाकुर अनुकूलचंद्र जी की 129 वां जन्म महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इसमें हजारों भक्तों का समागम हुआ। इसकी शुरुआत प्रात्युष वेद मांगलिक एवं शहनाई वादन के बाद प्रात: कालीन समवेत विनती प्रार्थना उसके बाद संगीताजलि हुआ। 9 बजे भव्य शोभायात्रा जिसमें ठाकुर जी का प्रतिमा हंसनुमा रथ में स्थापित कर निकाला गया। जो दोनार, नंबर पांच, टावर, मिर्जापुर, स्टेशन होते हुए पुन: सत्संग बिहार प्रांगण में पहुंचा। वहां पहुंचते ही शोभा यात्रा सभा में तब्दील हो गया। इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सतनाम में दीक्षा ग्रहण किया। इस अवसर पर मातृ सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। जिसमें पारिवारिक कर्तव्यों पर काफी चर्चा की गई। उसके बाद 3 बजे अपराहन से धर्म सभा का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज किशोर झा ,कुलसचिव अजीत कुमार ¨सह, संस्कृत विश्वविद्यालय के भूतपूर्व कुलपति देव नारायण झा, मिथिला शोध संस्था के निर्देशक डॉ देव नारायण यादव आदि ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर ईश्वर,धर्म, सद्गुरु संबंधी उच्च कोटि का प्रवचन दिया गया। सत्संग आश्रम देवघर से आये प्रतिनिधि अवकाश प्राप्त सिविल सर्जन डॉ. बच्चा प्रसाद ने कहा वर्तमान युग में सदगुरु स्वरुप ईश्वर के प्रति पुरुष परमप्रेममय में ठाकुर जी जीवन में धारण कर अपने व्यक्तित्व,पारिवारिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय जीवन को सुंदर बनाया जा सकता है। जीवन में एक आदर्श व्यक्तित्व रहने से जीवन सुंदर हो उठता है। उन्होंने कहा ठाकुर जी के बताए हुए रास्ते पर चलकर मनुष्य अपने जीवन को सफल कर सकता है। उन्होंने ठाकुर जी की जीवनी को विस्तार रुप से बताया।धर्मसभा समापन के बाद संध्या में सत्संग व बिनती प्रार्थना किया गया। उसके बाद नटराज डांस एकेडमी द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर दिनभर भंडारा का आयोजन किया गया जिसमें हजारों श्रद्धालुओं और सत्संगी भाइयो ने प्रसाद ग्रहण किया। जन्म महोत्सव के अवसर पर डॉ सुनील कुमार ¨सह ने अपनी टीम के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं एवं सत्संगी को मुफ्त में दबा दी एवं ब्लड प्रेशर एवं शुगर की जांच किया गया। मंच का संचालन सुशील कुमार ¨सह ने किया। इस अवसर पर रामइकबाल भगत, प्रेमचंद्र ¨सह, मधुकांत दास, सतनारायण झा, शिव किशोर दा, ललित कुमार भगत, युगल किशोर ¨सह, उदय प्रसाद ¨सह ,सुभाषिनी गांधी, रामाश्रय ¨सह, मुरारी दा, शशिरंजन दा ,प्रकाश वर्मा, संजय महासेठ आदि उपस्थित थे।