उप स्वास्थ्य केंद्र को इलाज की जरूरत
स्वास्थ्य केंद्र को खुद ही इलाज की जरूरत है।
दरभंगा। अनुमंडल मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित मौजमपुर उप स्वास्थ्य केंद्र को खुद ही इलाज की जरूरत है। बताया जाता है कि इस उप स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन मंत्री अब्दुलबारी सिद्धीकी द्वारा 10 सितम्बर 2006 को किया गया था। ताकि इस क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांवों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो सके। उदघाटन के बाद कुछ दिनों तक तो इस स्वास्थ्य उपकेंद्र पर डॉक्टर और एएनएम नियमित रूप से आकर मरीजों का इलाज करते थे। लेकिन विगत 7 वर्षों से इस स्वास्थ्य उपकेंद्र को एएनएम के भरोसे छोड़ दिया गया है। इस कारण मायापुर, मौजमपुर, बदरबन्ना, कोटबन्ना, श्रीरामपुर, अचलपुर, एवं विक्कुपटी गांवों के लोगों को बीमार पड़ने पर इलाज कराने में भारी परेशानी उठानी पर रही है। बताया जाता है कि यह उपस्वास्थ्य केंद्र महीना में एक- दो दिन भी ही खुलता है। एएनएम किरण कुमारी गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर बैठकर सेविका एवं सहायिका से गप्पे लड़ाती रहती है।---------------ग्रामीणों ने कहा
ग्रामीण कृपाल महतो उपस्वास्थ्य केंद्र के बरामदे पर बैठे थे। उनका कहना था कि उन्हें बुखार लगा हुआ है। चार दिनों से एएनएम को इस उपकेंद्र पर आने का इंतजार कर रहे हैं।
ग्रामीण देव नारायण महतो का कहना था कि इस उपकेंद्र पर 7 वर्षों से एक भी डॉक्टर नहीं आए हैं। इस गांव में जब लोग बीमार पड़ते हैं तो उन्हें खाट पर लादकर 10 किलोमीटर दूर बेनीपुर अनुमंडलीय अस्पताल में इलाज करवाने के लिए ले जाना पड़ता है।
ग्रामीण शिव कुमार महतो का कहना था कि इस केंद्र पर दवा कौन कहे मलहमपट्टी भी मरीजों का नहीं किया जाता है। जिसके कारण लोग परेशान हैं। ग्रामीण अशर्फी महतो का कहना था कि इस गांव के 80 प्रतिशत लोग गरीब हैं। उनको बाहर ले जाकर इलाज करवाने में भारी परेशानी उठानी पड़ती है। ग्रामीण मो. सादीर का कहना था कि जब जब वे इस उपस्वास्थ्य केंद्र पर इलाज करवाने के लिए आए हैं तो हमेशा केंद्र में ताला लटका हुआ था।ग्रामीण सुनील कुमार साहु का कहना था कि सरकार को चाहिए कि सभी उपस्वास्थ्य केंद्र को सदा के लिए बंद कर दे। ताकि एएनएम को वेतन देने के मद में लाखों रुपये का नुकसान ही हो सके।ग्रामीण व पंचायत समिति सदस्य नूनू प्रसाद महतो का कहना था कि सरकार को चाहिए कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करे। और सभी उपस्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों को नियमित रूप से आने की व्यवस्था करे। ग्रामीण संतोष कुमार महतो का कहना था कि इस केंद्र पर अब लोग बांस,बोरा आदि सामान रखते हैं। ग्रामीण भरत कुमार महतो का कहना था कि अगर अविलंब इस उपस्वास्थ्य केंद्र पर दवा की व्यवस्था नहीं की जाती है तो हमलोग उग्र आंदेालन करेंगे।
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प्रमुख मनोज मिश्र का कहना था कि पूरे बिहार में स्वास्थ्य सेवा की हालत बदतर हो गई है। उपस्वास्थ्य केंद्र कौन कहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं अनुमंडलीय अस्पताल में भी मरीजों को संसाधन एवं डॉक्टरों के अभाव में समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है।-