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महागठबंधन में महामुकाबला के बीच पूजा मंडल ने की दावेदारी

पूजा मंडल से होने की संभावना प्रबल हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Jun 2017 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 08 Jun 2017 03:00 AM (IST)
महागठबंधन में महामुकाबला के बीच पूजा मंडल ने की दावेदारी
महागठबंधन में महामुकाबला के बीच पूजा मंडल ने की दावेदारी

दरभंगा। मेयर चुनाव में महागठबंधन में महामुकाबला के बीच बैजयंती खेड़िया का मुकाबला वार्ड पांच की पार्षद पूजा मंडल से होने की संभावना प्रबल हो गई है। पूजा मंडल ने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर बुधवार को पार्षदों और सभी दलों के नेताओं से एक मार्मिक अपील करते हुए कहा है कि एक रिक्सा चालक की बेटी मेयर पद की दावेदारी कर रही है। वह दरभंगा की बेटी और बहू दोनो है। निगम चुनाव दलीय आधार पर नहीं हुआ है, इसलिए एक धनपति के मुकाबले इस चुनाव में सभी दलों के नेता व प्रतिनिधि उसे अपना आशीर्वाद दें। इस अपील का नतीजा यह हुआ है कि विधायक संजय सरावगी का पूजा मंडल को साथ मिल गया है। महागठबंधन के विरुद्ध सीध प्रत्याशी देने के बजाय विधायक खेमे ने पूजा मंडल को समर्थन देने का मन बना लिया है। दूसरी ओर महागठबंधन में प्रत्याशियों के नाम की घोषणा पर कोई बड़ी प्रतिक्रिया तो नही आई लेकिन मुन्नी देवी ने अवश्य इस पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि मुझे क्या करना है यह मैं वार्ड की जनता से पूछकर तय करुंगी। लेकिन महागठबंधन में हूं और इसमें बनी रहूंगी। बीते जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष चुनाव में विधायक खेमे ने अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था महागठबंधन के ही पार्षद केा समर्थन देकर उसके अधिकृत प्रत्याशी को पटखनी देने की चाल चली थी। यह अलग बात है कि वह रणनीति सफल नही हुई। लेकिन एक बार फिर वही रणनीति मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में आजमाने की तैयारी के संकेत मिल रहे हैं। जहां एक ओर महागठबंधन ने बैजयंती खेड़िया को मेयर और बॉबी खां को डिप्टी मेयर का प्रत्याशी घोषित करते हुए 33 पार्षदों के समर्थन का दावा किया है वहीं एक दशक तक नगर निगम पर एक क्षत्र राज करने वाले विधायक अपनी इस रणनीति पर काम कर रहे हैं। दूसरी ओर कहा जा रहा है कि विधायक खेमे के कई पार्षद महागठबंधन खेमे पर नजर रखे हुए है। अंतिम फैसला गुरुवार की रात आएगा और सीधे नामांकन के समय कोई नया पत्ता खुल सकता है। दूसरी ओर महागठबंधन में एक अनार सौ बीमार वाली बात हो रही है। एक साथ मेयर व डिप्टी मेयर नही बन सकते। अब जिनको प्रत्याशी नहीं बनाया जा रहा उनकी महत्वाकांक्षा को धक्का लगना स्वभाविक है। ऐसे में अत्यधिक महत्वाकांक्षा वाले पार्षद रातों रात वफादारी भी बदल दें तो किसी को आश्चर्य नही होना चाहिए।


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