नवजात ट्रे में, माताएं गंदे फर्श पर
दरभंगा। डीएमसीएच में नवजात शिशुओं के प्रति अस्पताल प्रशासन कितना असंवेदनशील है यह शुक्रवार को चिकित्
दरभंगा। डीएमसीएच में नवजात शिशुओं के प्रति अस्पताल प्रशासन कितना असंवेदनशील है यह शुक्रवार को चिकित्सकों के प्रशिक्षण में सामने आ गया। नवजात शिशुओं को खेले ट्रे में और माताओं को गंदे फर्श पर ही लिटाया गया था। यह स्थिति तब देखने को मिली जब यूनिसेफ के चीफ डॉ. असादुर रहमान के साथ 23 फरबरी को डीएमसी में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक के 24 घंटें भी नहीं बीते हैँ। गायनिक वार्ड के डॉक्टरों के प्रशिक्षण के दौरान लेबर रूम की पोल ºुल गई। इस अमानवीय व्यवस्था को देखकर प्रशिक्षणार्थी के साथ एसएनसी नॉडल ऑफिसर ओम प्रकाश भी हतप्रद रह गए। इसकी सूचना नॉडल अफिसर डॉ. ओम ने युनिसेफ पटना के डॉ. केके रेडडी को आज शाम में यह रिपोर्ट भेज दी है। जानकारी के अनुसार स्पेशल नवजातशिशु सुरक्षा (एसएनसी) के 12 जिलों के प्रशिक्षणार्थी डॉक्टर आज प्रशिक्षण के लिए नॉडल आफिसर गायनिक वार्ड के लेबर रूम पहुंचे। प्रशिक्षण से पूर्व ही इस लेबर की दुर्दशा को देखकर शर्मसार थे। इस लेबर रूम में प्रशुताओं को फर्श पर लेटाया गया था। कई प्रशुताओं को गंदे टेबुल पर लेटाया गया था। नवजात शिशु भी गंदे टेबुल पर लेटे थे। लेबर रूम में गंदगी थी। नवजात शिशुओं को स्टील के बर्तन में लिटाया गया था। उस ट्रे में भी कोई क पड़ा तक नही था। उस ट्रे में भी बच्चा को काफी देर हो चुका था। हद तक हो गई जब प्रसुताओं को भी लोहे के खुले बेड पर लेटाया गया था। इस मौके पर हेल्थ मैनेजर कमल उपाध्याय भी थे। इसके पूर्व डीएमसी में 23 फरबरी को युनिसेफ के चीफ ने प्राचार्य , सीएस ,डीआईओ , अस्पताल अधीक्षक , गायनिक के एक डॉक्टर, शिशु रोग विभाग के एचओडी समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। जिसमें गायनिक वार्ड और लेबर रूम के सुधार युनिसेफ के चीफ ने नसीहत दी थी। यह नसीहत तब दी गई थी जब युनिसेफ के चीफ ने उसी दिन गायनिक वार्ड की दुर्दर्शा देख डीएम से मिलकर इसकी सूचना दी थी। इसके बाद यह बैठक यहां आयोजित की गई थी। नॉडल ऑफिसर डॉ. ओम ने इस बात की पुष्टि की है।