स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का घोर अभाव
बिरौल स्टेशन की स्थापना के ग्यारह साल बीत जाने के बावजूद भी स्टेशन की दयनीय स्थिति बनी हुई है।
दरभंगा। बिरौल स्टेशन की स्थापना के ग्यारह साल बीत जाने के बावजूद भी स्टेशन की दयनीय स्थिति बनी हुई है। अधिकारीयों की टीम ने रेल की गति बढाने की पहल शुरू कर दी है। लेकिन,स्टेशन के विकास की गति बढाने में किसी ने रूचि नहीं ली है। जिस कारण बिरौल स्टेशन को छोड़कर सकरी से लेकर बिरौल रेलखंड के बीच पड़ने वाले सभी स्टेशनों पर पीसीसी प्लेटफॉर्म का निर्माण हो चुका है।लेकिन, बिरौल स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को वहीं गड्ढानुमा खरंजा पर ठहरने को विवश रहना पड़ता है। स्टेशन पर शौचालय की व्यवस्था नहीं रहने से यात्री को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। खासकर महिला यात्रियों को अधिक परेशानी होती है। स्टेशन व पदस्थापित रेल र्किमयों को भी शौच करने के लिये खुले मैदान में जाना पड़ता है। स्टेशन मास्टर जीतेन्द्रनारायण मिश्र ने बताया कि कर्मी के लिए बने शौचालय में पानी नहीं रहने के कारण शौचालय में शौच करना दुर्लभ है। स्टेशन मास्टर सुभाष कुमार ने कहा कि स्टेशन के आरक्षण काउंटर में दराज नहीं रहने के कारण किराए का पैसा रजिस्टर में रखना पड़ता है। जिस कारण पैसे की चोरी हो जाती है। जिसे जेब से भरना पड़ता है। स्टेशन मास्टर केदारनाथ प्रसाद ने कहा कि स्टेशन कार्यालय में अलमीरा नहीं रहने के कारण कागज व रजिस्टर यत्र-तत्र रखना पड़ता है। कुर्सी के अभाव में बेंच पर बैठना पड़ रहा है। वही दस वर्ष बीत जाने के बावजूद स्टेशन को जेनरेटर नसीब नहीं हुआ है। स्टेशन भवन की मरम्मत नहीं होने से यात्रियों को टिकट कटाने के लिये जान-जोखिम में डालकर स्टेशन पर चढना पड़ता है। आरक्षण काउंटर इसी वर्ष मार्च में चालू किया गया।लेकिन, स्टाप नहीं रहने के कारण लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। स्टेशन पर पूर्व में बना यात्री शेड खंडहर में तब्दील हो गया है।