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लनामिविवि को दान में मिली 279 पुस्तकें

लनामिविवि के कुलपति प्रो. एसके ¨सह को उनके कार्यालय कक्ष में शनिवार को केंद्रीय पुस्तकालय के लिए दान में दी गई 279 पुस्तकों के साथ उसकी सूची दी गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jul 2017 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jul 2017 03:00 AM (IST)
लनामिविवि को दान में मिली 279 पुस्तकें
लनामिविवि को दान में मिली 279 पुस्तकें

दरभंगा। लनामिविवि के कुलपति प्रो. एसके ¨सह को उनके कार्यालय कक्ष में शनिवार को केंद्रीय पुस्तकालय के लिए दान में दी गई 279 पुस्तकों के साथ उसकी सूची दी गई। स्व.(डॉ.) मथुरा नंदन झा, सेवानिवृत प्राचार्य, स्नातकोत्तर गणित विभाग की स्मृति में उनके सुपुत्र ई. अनिल कुमार, सीनेट सदस्य सह इनटैक के आजीवन सदस्य ने केंद्रीय पुस्तकालय को उनकी महत्वपूर्ण पुरानी दुर्लभ पुस्तकें दान में दीं। अधिकांश पुस्तकें कानून से संबंधित हैं। इन पुस्तकों के दान करने में विश्वविद्यालय के लोक सूचना सह जन सूचना पदाधिकारी प्रो. एनके अग्रवाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पुस्तक प्रदान करने के क्रम में संबंधित अभिलेख के साथ उपस्थित लोगों के समक्ष कुलपति डॉ. ¨सह ने कहा कि पुस्तकालय में हर पुस्तक एक मशाल होता है। महाराजा द्वारा दी गई दुर्लभ पुस्तकें राज पुस्तकालय में पहले से उपलब्ध हैं। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए ईø अनिल कुमार ने अपने पिता की स्मृति में केन्द्रीय पुस्तकालय को दान देकर एक महान कार्य किया है। मौके पर प्राध्यापक प्रभारी डॉ. राम भरत ठाकुर को निदेशित करते हुए कहा कि उनकी पुस्तकों की पूर्ण सुरक्षा होनी चाहिए। जिन आलमीरा में इनकी पुस्तक रखी जाएगी उस पर उनका नाम अंकित होगा। पुस्तक दान एक अनुकरणीय कार्य है। ऐसे कार्यो से लोगों को दान करने की प्रेरणा मिलेगी। पुस्तक दान से केन्द्रीय पुस्तकालय को बहुत अधिक लाभ मिलेगा। उन्होंने अपील की कि जिन लोगों के पास पुरानी व दुर्लभ पुस्तकें हैं वे सहर्ष केंद्रीय पुस्तकालय में दान दे सकते हैं। उनके दान देने से हजारों छात्र- छात्राऐं लाभान्वित होंगे। कुलानुशासक प्रो. अजय नाथ झा, कुलपति के विशेष पदाधिकारी प्रो. एसके राय, केन्द्रीय पुस्तकालय के प्राध्यापक प्रभारी डॉø राम भरत ठाकुर व केन्द्रीय पुस्तकालय कर्मी रूपकांत झा, शम्भू नाथ झा आदि मौजूद थे।


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