मौजमपुर एपीएचसी में महीनों से नहीं आए चिकित्सक
क्षेत्र के मौजमपुर गांव स्थित स्वास्थ्य उपकेन्द्र की हालत बद से बदतर हो गई है। यहां ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पा रहा है।
दरभंगा । क्षेत्र के मौजमपुर गांव स्थित स्वास्थ्य उपकेन्द्र की हालत बद से बदतर हो गई है। यहां ग्रामीणों को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पा रहा है। एपीएचसी में मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है। बताया जाता है कि यह स्वास्थ्य उपकेन्द्र माह में दो से तीन दिन ही खुलता है। इसके कारण मौजमपुर एवं मायापुर के ग्रामीणों ने इस स्वास्थ्य उपकेन्द्र पर जाना छोड़ दिया है। ग्रामीण सतन राम, मो. इलियास, दुखन यादव, सलीम अख्तर, अमर यादव, भोगेन्द्र मंडल का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को न तो दवाएं मिलती हैं और न इलाज के लिए चिकित्सक ही उपलब्ध रहते हैं। इसका उदघाटन वर्ष 2004 में तत्कालीन विधायक एवं वर्तमान मंत्री अब्दुलबारी सिद्धीकी ने ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा मजबूत करने के उद्देश्य से किया था। लेकिन यह उद्देश्य पूरा नहीं हो सका। ग्रामीणों को चिकित्सा सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है। यहां चिकित्सक और नर्स कोई नहीं रहता है। दवाएं आदि मिलना तो बहुत दूर की बात है।
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कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीण बताते हैं कि यहां किसी चिकित्सक के आए कई महीने बीत चुके हैं। एएनएम भी कभी नजर नहीं आती है। इसके कारण गांव के गरीबों को चिकित्सा सेवा नहीं मिल पा रही है। ग्रामीण बताते हैं कि गांव में जब कोई बीमार होता है तो उसे यहां से छह किलो मीटर दूर बहेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया जाता है। आक्रोशित ग्रामीण बताते हैँ कि अब यहां के लोगों ने यह निर्णय लिया है कि अगर एएनएम नियमित रूप से इस उपस्वास्थ्य केन्द्र पर आकर मरीजों का इलाज नही करती है तो ग्रामीण सदा के लिये इस उप स्वास्थ्य केन्द्र को बंद करने की मांग सरकार से करेंगे।
बयान-
बहेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर एएनएम का 40 पद स्वीकृत है। लेकिन अभी वर्तमान में मात्र 18 एनएनएम ही हैं। एएनएम को बराबर टीकाकरण के कार्य में लगाये जाने के कारण वे नियमित रूप से उपस्वास्थ्य केन्द्र पर नहीं पहुंच पा रही हैं। उनका कहना था कि मौजमपुर स्वास्थ्य उपकेन्द्र अब नियमित रूप से खुलेगा।
मो. शहरीयार
स्वास्थ्य प्रबंधक
बहेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र