नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था चौपट : मंत्री
देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है।
दरभंगा। मोदी सरकार की नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। पूरा देश संकट में फंस गया है। इससे न तो जाली नोटों पर रोक लगी और ना कालाधन पर ही कोई अंकुश लग पाया। बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. मदन मोहन झा ने रविवार को कांग्रेस की जनवेदना पंचायत में उपरोक्त बातें कहीं। इस पंचायत का आयोजन नगर कांग्रेस कमेटी की ओर से आयकर चौराहे पर किया गया था। मुख्यातिथि के रूप में पंचायत को संबोधित करते हुए श्री झा ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि नोटबंदी से कालाधन आया कि आतंकवाद खत्म हो गया या भ्ष्र्टाचार थम गया। इससे जाली नोटों पर भी अंकुश नहीं लग पाई। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के पीछे प्रधानमंत्री की मंशा पांच राज्यों में होनेवाले विधानसभा चुनाव के ऐन मौके पर अन्य दूसरी पार्टियों को कमजोर बनाने की थी। उन्होंने भाजपा की जमीन खरीद पर सवाल उठाते हुए कहा कि नोटबंदी से देश बनने के बजाए कमजोर हुआ है। बिहार प्रदेश महिला कांग्रेस कमिटी की अध्यक्ष व विधायक सुश्री अमिता भूषण ने कहा कि मोदी ने अपने तुगलगी ़फरमान से देश को सकते में डाल दिया है। इससे देश की महिलाओं को सबसे ज्यादा कष्ट पहुंचा है। देश में बेरो•ागारी बढ़ गयी है।लोगों का काम धंधा चौपट हो गया है। जिलाध्यक्ष सीताराम चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ काँग्रेस पार्टी को बदनाम व नीचा दिखाना चाहते हैं। पूर्व मेयर रमाकान्त कुंवर, अजय जालान, पं. रामनारायण झा, डॉ. अब्दुल हादी सिद्दीकी, पालन चौधरी, पवन कुमार चौधरी, नगर पार्षद रीता ¨सह, रामपुकार चौधरी, देवेन्द्र मोहन मिश्र, बमभोला, अखिलेश चौधरी ने भी पंचायत को संबोधित किया। इसकी अध्यक्षता नगर कांग्रेस अध्यक्ष संदीप शेखर झा ने की। धन्यवाद ज्ञापन जिलाउपाध्यक्ष सह प्रवक्ता, मो.असलम ने किया। जनवेदना सम्मलेन के संयोजक सह जिला उपाध्यक्ष मनोज झा ने कहा कि इस सम्मलेन में लोगों की वेदना को सुनने के लिए प्रधानमंत्री जी को निमंत्रण भेजा था, लेकिन वो नहीं आए। सम्मेलन को संबोधित करने वालों में जिला परिषद् सदस्य गीता देवी, पूनम झा, खोदादाद अब्दुल अली, जिला महासचिव शुशील कुमार ¨सह, अली अब्बास, जिशान फारुकी, उदित नारायण चौधरी, पंकज चौधरी, कन्हैया झा, अशोक पासवान, जय शंकर चौधरी, गुलाम साहिद, गणेश चौधरी, शंकर झा, ¨पकू गिरी, मिथलेश पासवान, दिनेश गंगनानी, प्रभाकर चौधरी, परमानंद झा, ज्ञानेन्द्र झा, त्रिभुवन कुमार, सुमित कुमार, दीपक कुमार मिश्र, बिपिन झा, शंकर झा, हसमत अली, जलालुद्दीन आदि ने संबोधित किया। मंच संचालन रतिकांत झा ने किया।