मनरेगा में लाखों के गबन का मामला उजागर
दरभंगा। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों को रोजगार मुहैया कराने व पलायन रोकने के लिए शुरू की गई मनरेगा म
दरभंगा। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों को रोजगार मुहैया कराने व पलायन रोकने के लिए शुरू की गई मनरेगा में लूटखसोट आम बात हो गई है। भले ही हाकिम खुलेआम इसे स्वीकार नहीं करें लेकिन दबी जुबान वे भी इसे मानते हैं। सार्वजनिक कैसे करेंगे। हाल ही में जिले के बहेड़ी प्रखंड क्षेत्र में मनरेगा के तहत संचालित तीन योजनाओं में जांचोपरांत लाखों की सरकारी राशि के गबन का मामला सामने आया है। जिला पदाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर ¨सह ने इसे गंभीरता से लेते हुए इन योजनाओं के कनीय अभियंता, सहायक अभियंता व पीआरएस से गबन की गई राशि की वसूली आदेश दिया है। जिससे विभाग में हड़कंप मच गया है।
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हाईकोर्ट के आदेश पर हुई थी जांच
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2011-12 में बहेड़ी प्रखंड क्षेत्र में मनरेगा के तहत नौ योजनाओं पर काम हुआ। भुगतान नहीं होने की स्थिति में मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। हाईकोर्ट के निर्देश के आलोक में जिला पदाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर ¨सह ने जांच का जिम्मा डीआरडीए के निदेशक लेखा प्रशासन नरेश झा को दिया। जानकारी के मुताबिक नौ योजनाओं में से दो में गड़बड़ी पाई गई। जांच में एक योजना में 14248 रुपये एवं दूसरी में 33630 रुपये का गबन पाया गया। जिला पदाधिकारी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर कनीय अभियंता मनोज कुमार व सहायक अभियंता इंद्र भूषण कुमार से उक्त राशि की वसूली का आदेश दिया है।
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सरकारी हाट के विकास में 2.62 लाख की पकड़ी गई गड़बड़ी
जानकारी के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2015-16 में मनेरगा के तहत योजना संख्या 52 में बहेड़ी प्रखंड की हावीडीह मध्य पंचायत में सरकारी हाट के विकास के लिए 809800 रुपये का प्राक्कलन बना। 7 लाख 46 हजार रुपये का एमबी बुक किया गया। जांचोपरांत एमवी के मुताबिक काम नहीं पाया गया। जांच में पाया गया कि 2 लाख 62 हजार रुपये काम एमबी के मुताबिक नहीं हुआ। जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला पदाधिकारी ने अपने पत्रांक 1052 दिनांक 11.5.17 को दोषी कनीय अभियंता शिव शंकर राय,सहायक अभियंता इंद्र भूषण कुमार व पीआरएस नंदन कुमार झा के वेतन से गबन की गई राशि की वसूली कर उस राशि से मजदूरों के बकाया के भुगतान का आदेश प्रोग्राम पदाधिकारी मो. अलताब हुसैन को दिया है। जानकारी के मुताबिक इस योजना की भी जांच डीआरडीए के निदेशक लेखा प्रशासन नरेश झा ने की थी।