चावल के अभाव में बंद है एमडीएम
दरभंगा। शिक्षा की स्थिति में सुधार की कसरत का असर जमीन पर देखने को नहीं मिल रहा है। बच्चे बिहार के म
दरभंगा। शिक्षा की स्थिति में सुधार की कसरत का असर जमीन पर देखने को नहीं मिल रहा है। बच्चे बिहार के मुख्यमंत्री तक का नाम नहीं जानते हैं । हद तो यह कि जिला का नाम भी बच्चों को मालूम नहीं है। इनकी पड़ताल के लिए दैनिक जागरण की टीम ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड के तहत मंगलवार को उत्क्रमित मध्य विद्यालय जलवारा बालक उर्दू में पहुंची तो देखा कि एचएम समेत 14 शिक्षकों में से पांच शिक्षक मौजूद थे। शिक्षिका डॉली कुमारी के दो वर्षीय प्रशिक्षण के लिए माघोपट्टी जाने व गिन्नी कुमारी के मातृत्व अवकाश में रहने तथा शिक्षक प्रमोद कुमार ¨सह, अर¨वद कुमार, सोमैया कुलसूम , मो. जावेद अख्तर, मो.फैज अशरफ व अंजनी कुमार मिश्र तथा धनश्याम कुमार की प्रतिनियुक्ति वार्षिक मूल्यांकन कार्य के लिए की गई। वर्ग एक से छह तक के बच्चे जमीन बैठकर पढ़ रहे थे। वर्ग एक से आठ तक के बच्चों के लिए मात्र पांच कमरे है, जिसमें एक में कार्यालय प्रकोष्ठ है। चावल के अभाव में भोजन बनना बंद था ।
11.15 बजे: नामांकित 937 बच्चों में से 475 बच्चों की उपस्थिति दर्शायी गई थी । बच्चों ने ड्रेस कोड का पालन नहीं कर रखा था।
11.25 बजे: किचेन शेड में सन्नाटा पसरा हुआ था । भोजन बनना बंद था। रसोईया आपदा खातून, शाहजहां खातून, मंजू देवी, अख्तरी खातून तथा रौशन आरा किचेन शेड के बाहर बैठकर आपस में गप लड़ा रही थी। सभी एप्रोन कोड का पालन नहीं कर रखी थी ।
12.30 बजे : कुछ बच्चे घर खाना खाने के लिए प्रस्थान किया, तो कुछ बच्चे इधर- उधर खेलने में मशगूल हो गए।
------------------------वर्ग एक के छात्र तनवीर शाह ने दो का पहाड़ा नहीं बताया। वर्ग तीन की छात्रा नासरा प्रवीण ने जिला का नाम त्रिमुहान बताया। वहीं वर्ग चार के छात्र सुभान ने भी देश का नाम त्रिमुहान बताया। वर्ग पांच के छात्र मो.एखलाक ने देश का बिहार बताया। वर्ग छह की छात्रा चांदनी कुमारी ने बिहार के मुख्यमंत्री का नाम नरेंद्र मोदी बताया। वर्ग सात के छात्र मो.जाहिद भारत के प्रधानमंत्री का नाम नहीं बता पाया।
-12 जून को प्रभार लिया हूं। बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा को लेकर प्रयासरत हूं। इसमें सुघार हो रहा है। चावल के अभाव में 22 मार्च से एमडीएम बंद है। चावल आते ही चालू किया जाएगा। कमरों की कमी के कारण शिक्षकों को कठिनाई झेलनी पड़ती है।
विनोद कुमार चौधरी, प्रधानाध्यापक।
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