म्लेच्छ मर्दिनी मंदिर, दरभंगा
दरभंगा। शहर के व्यस्ततम व प्रमुख व्यावसायिक इलाका मिर्जापुर में स्थित म्लेच्छमर्दिनी मंदिर का महत्वप
दरभंगा। शहर के व्यस्ततम व प्रमुख व्यावसायिक इलाका मिर्जापुर में स्थित म्लेच्छमर्दिनी मंदिर का महत्वपूर्ण स्थान है। शक्ति की उपासना की सशक्त परंपरा व देवीस्थानों की कड़ी के बीच शहर से गांव तक निर्मित मंदिरों में इसकी महिमा का इतिहास कुछ अलग है। यहां स्थापित प्रतिमा को लेकर प्रचलित कथाओं के बीच हर रोज यहां आस्था की सरिता बहती है।
इतिहास
दरभंगा-लहेरियासराय मुख्य पथ पर मिर्जापुर चौक से दक्षिण निर्मित म्लेच्छ मर्दिनी मंदिर में स्थापित देवी की प्रतिमा को लेकर कई लोककथाएं प्रचलित हैं। बताया जाता है कि चार सौ साल पूर्व धनीराम महथा नामक देवी भक्त के साथ कई चमत्कारिक घटनाएं घटित हुईं। इसमें तालाब से खुदाई कर मूर्ति मिलने पर अदालत से फैसले में चमत्कार की चर्चा आज भी हो रही है। बताया जाता है कि मैया की कृपा से भक्तों के जीवन में कई चमत्कारिक घटनाएं हुईं। वर्ष 2003 से इसके संचालन के लिए बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद ने एक समिति का गठन किया। उसके बाद इसी समिति के द्वारा इसकी देखरेख की जाती है।
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विशेषता
पूजा-अर्चना के साथ ही सांध्यकालीन आरती का काफी महत्व है। जो कोई भक्त सच्चे मन से यहां पहुंचता है मैया उसकी पुकार सुनती है और उसकी कामना पूर्ण करती है। वर्ष में होने वाले सभी नवरात्र में यहां विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। वैसे यहां हर रोज श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। मान्यता के अनुसार म्लेच्छ मर्दिनी माता की कृपा भक्तों पर बरसती है।
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वास्तुकला
वास्तुकला की ²ष्टि से यह मंदिर काफी आकर्षक है। इसमें स्थापित मूर्ति भी मूर्तिकला के अनुरूप है। मंदिर के निर्माण में उस समय प्रचलित वास्तुकला के अनुरूप ही स्वरूप दिया गया है।
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ऐसे पहुंचें मंदिर
दरभंगा रेलवे स्टेशन से आधा किलोमीटर पश्चिम व दरभंगा बस पड़ाव से डेढ़ किलोमीटर दक्षिण में अवस्थित है। मुख्य पथ के किनारे अवस्थित होने के कारण आवागमन काफी सुलभ है।
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मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है। साथ यहां स्थापित मैया की महिमा अपरंपार है। सच्चे मन से की गुहार मां सुनती है। यहां की सांध्यकालीन आरती का बहुत ही महत्व है।
विद्या कुमार झा, मंदिर प्रबंध समिति।-