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आइक्यू टेस्ट में फेल कमतौल थानेदार लाइन हाजिर

दरभंगा। कमतौल के थानाध्यक्ष वरुण कुमार झा शुक्रवार को हटा दिए गए। वह बहुत आरोपों से घिरे हुए थे। था

By Edited By: Published: Sat, 28 May 2016 12:32 AM (IST)Updated: Sat, 28 May 2016 12:32 AM (IST)
आइक्यू टेस्ट में फेल कमतौल थानेदार लाइन हाजिर

दरभंगा। कमतौल के थानाध्यक्ष वरुण कुमार झा शुक्रवार को हटा दिए गए। वह बहुत आरोपों से घिरे हुए थे। थाना चालाने में नाकाम साबित हो रहे थे। आइक्यू टेस्ट में फेल होने के बाद एसएसपी सत्यवीर ¨सह ने उन्हें पुलिस लाइन वापस कर लिया है। पंचायत चुनाव में भी उनकी छवि भेदभाव बरतने को लेकर विवादों से घिरी रही। एसएसपी ने मीडिया से कहा कि अनेक लोग उनसे नाखुश रहते थे। शिकायतें थी कि वे समय से व ठीकठाक रिस्पांस नहीं लेते थे। उपर से एसडीपीओ सदर दिलनवाज अहमद ने भी उनके खिलाफ अपनी जांच रिपोर्ट दी थी। लिहाजा, उन्हें लाइन क्लोज कर दिया गया है। नए थानाध्यक्ष बनने तक कमतौल इंस्पेक्टर अजय झा थानेदारी की कमान संभालेंगे। गौरतलब है कि 19 अप्रैल को'दैनिक जागरण'ने काबिलियत को तरजीह देने की वकालत की थी। यह भी कहा था कि मौजूदा कई थानेदार ऐसे हैं, जो आइक्यू और फिजिकल टेस्ट म ं फेल हो जाएंगे। कमतौल थानाध्यक्ष पर कार्रवाई की गाज इसी संदर्भ में गिरी है।

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असल ¨जदगी में ढेरें शिकायतें

फिल्मी पर्दे पर ¨सघम, दबंग व चुलबुल पाण्डेय के किरदारों में थानेदारी करने वाले किरदारों ने खूब वाहवाही बटोरी लेकिन, असल ¨जदगी में पुलिस अफसरों का वैसा किरदार देखने के लिए लोग लालायित रहते हैं। बड़ा सवाल है कि वे इसके लिए कितने दक्ष हैं। शैक्षणिक योग्यता ही काफी नहीं थानेदारी के लिए जरूरी अहर्ता भी उतनी ही मायने रखती है। उनका आइक्यू और फिजिकल टेस्ट हो। यूपी में थानेदारी के लिए हाल में ली गई दक्षता परीक्षा ने बड़ी बहस छेड़ दी है। जौनपुर व गाजीपुर जिलों में एसपी ने परीक्षा ली, तो कई अफसर जरूरी पा¨सग मा‌र्क्स भी हासिल नहीं कर पाए। कई औंधे मुंह गिरे। विभाग के लोग कहते हैं कि दरभंगा में भी कमोवेश वहीं हाल है। मौजूदा थानेदारों की दक्षता परीक्षा ली जाए तो तय मानिए कई फेल हो जाएंगे। लिहाजा, यह देखना जरूरी है कि थानेदारी की जवाबद ही संभाल रहे अफसर तय मापदंडों को पूरा भी करते हैं या नहीं? पुलिस कप्तान का तेवर देखते हुए समझा जाता है कि थानेदारी के लिए अब नया फार्मूला तय हो सकता है। यूपी जैसी दक्षता परीक्षा को हर कोई वक्त का ताकाजा है।

पो¨स्टग से पहले परख जरूरी

ऐसे आरोपों में इस अफसर के लाइन हाजिर होने के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि पुलिस-पब्लिक संबंधों के प्रति अफसरों का रवैया कैसा है और वह पुलि¨सग को और प्रभावी बनाने के लिए क्या और कैसी सोच रखते हैं। शायद यही वजह है कि पुलिस के प्रति आम तौर पर लोगों में विश्वास की कमी होती है। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि थानेदारी के लिए जवाबदेह अफसरों की पो¨स्टग होनी चाहिए। इस पद के लिए जरूरी अहर्ता और काबिलियत परख कर ही किसी को मौका देना चाहिए। उधर, कई ऐसे अफसर हैं जिनमें मादा की कमी नहीं, पर उन्हें मौके भी तो मिलने चाहिए।


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