बिना लाइसेंस क्षेत्रीय रक्त अधिकोष
दरभंगा । उत्तर बिहार के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान डीएमसीएच स्थित क्षेत्रीय रक्त अधिकोष का कोई पुरसाह
दरभंगा । उत्तर बिहार के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान डीएमसीएच स्थित क्षेत्रीय रक्त अधिकोष का कोई पुरसाहाल नहीं है। इसकी हालत सदर अस्पताल के ब्लड बैंक से भी बदतर है। हाल यह है कि क्षेत्रीय रक्त अधिकोष पिछले पांच साल से बिना निबंधन के चल रहा है। निबंधन नहीं मिलने के पीछे रक्त अधिकोष के आधारभूत संरचना का खास्ताहाल होना है। यदि यही हाल रहा तो कभी इसमें ताला लटक सकता है। बता दें कि 18 वर्ष पहले डीएमसीएच के सर्जिकल भवन के एक हिस्से में क्षेत्रीय रक्त अधिकोष की स्थापना हुई। स्थापना काल में ही ड्रग कंट्रोल ऑफ इंडिया ने इसपर आपत्ति जताई थी। तब कहा गया कि जल्द ही क्षेत्रीय रक्त अधिकोष का अपना भवन बनाया जाएगा। लेकिन, भवन नहीं बन पाया। हरेक बार ड्रग कंट्रोल ऑफ इंडिया लाइसेंस का रिन्यूअल करने में अड़ंगा लगाती है। तकनीकी पेंच में वर्ष 2011 से क्षेत्रीय रक्त अधिकोष का लाइसेंस रिन्यूअल नहीं हुआ है। एमसीआइ भी निरीक्षण के क्रम में गंभीर आपत्ति जता चुकी है।
--------------लाइसेंस रिन्यूअल में कई पेंच :क्षेत्रीय रक्त अधिकोष को लाइसेंस देने में ड्रग कंट्रोल ऑफ इंडिया सांप भी मर जाए और लाठी भी नहीं टूटे की नीति अपनाए हुए है। सूत्रों की मानें तो ड्रग कंट्रोल ऑफ इंडिया रक्त अधिकोष का लाइसेंस समाप्त होने के तुरंत बाद रिन्यूअल नहीं करती है। रिन्यूअल आवेदन देने के बाद डीसीआइ निरीक्षण तो करती है। लेकिन, वह उस वक्त का इंतजार करती है जब आवेदन म ं लाइसेंस की तिथि फिर से समाप्त होने का समय आए। तब डीसीआइ लाइसेंस निर्गत किया जाता है। यह कार्यप्रणाली डीसीआइ अपने को बचाने के लिए अपनाए हुए है।
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18 साल पुराने रेफ्रीजेरेटर से चल रहा काम :
क्षेत्रीय रक्त अधिकोष का तीन में से दो रेफ्रीजेरेटर 18 साल पुराना है, जो महीनों से खराब है। दस साल पुराना तीसरा रेफ्रीजेरेटर भी बीच-बीच में झटका दे रहा है। रेफ्रीजेरेटर के खराब रहने से माइनस 40 परसेंट प्लेटलेट व प्लाज्मा का स्टाक रखना संभव नहीं है। हालांकि, जरूरी पड़ने पर मरीजों को हाथों-हाथ प्लेटलेट व प्लाज्मा ब्लड दिया जाता है।
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एक चिकित्सक के भरोसे ब्लड बैंक : ब्लड बैंक में कम से कम चार चिकित्सकों की डयूटी जरूरी है। लेकिन, महज एक चिकित्सक हैं। नियमानुसार मरीजों से ब्लड लेने और देने के समय चिकित्सक की उपस्थिति जरूरी है। लेकिन, यहां इसकी खुलेआम धज्जियां उड़ रही हैं।
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आधारभूत संरचना की घोर कमी है। क्षेत्रीय रक्त अधिकोष को अलग भवन की जरूरत है। जिसमें कम से कम आठ कमरा होना चाहिए। जहां तक लाइसेंस रिन्यूअल की बात है इसके लिए समय से आवेदन दिया जा चुका है। क्षेत्रीय रक्त अधिकोष में कम से कम चार चिकित्सकों की तैनाती जरूरी है। सभी कमियों से अस्पताल प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है। अस्पताल प्रशासन कमियां को पूरा करने के लिए प्रयत्नशील है।
डॉ. ओपी चौरसिया,प्रभारी, क्षेत्रीय रक्त अधिकोष, डीएमसीएच।