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सरकारी विद्यालयों में पाई गई अनियमिता

दरभंगा। बिरौल एवं गोड़ाबौराम प्रखंडों के विद्यालयों में लचरती शिक्षण व्यवस्था तथा मध्याहन भोजन योजना

By Edited By: Published: Wed, 02 Dec 2015 12:54 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2015 12:54 AM (IST)
सरकारी विद्यालयों में पाई गई अनियमिता

दरभंगा। बिरौल एवं गोड़ाबौराम प्रखंडों के विद्यालयों में लचरती शिक्षण व्यवस्था तथा मध्याहन भोजन योजना मद में फर्जीवाड़ा के खेल का उजागर एसडीओ मो. शफीक द्वारा मंगलवार को किए गए आधा दर्जन से अधिक विद्यालयों के औचक निरीक्षण में हुआ है। एसडीओ ने पीएचसी गोड़ाबौराम तथा प्रखंड व अंचल कार्यालय का भी औचक निरिक्षण किया।जानकारी मुताबिक एसडीओ के औचक निरीक्षण के दौरान नवसृजित प्राथमिक विद्यालय बरदाहा परति में 1 बजे दिन में ताला झूल रहा था। विद्यालय से सभी शिक्षक गायब थे। मध्याहन भोजन कई दिनों से बंद पाया गया। प्राथमिक विद्यालय सनकन्हई में एचएम अशोक कुमार ¨सह व सहायक शिक्षक रामसुन्दर साफी विद्यालय से हाजरी बनाकर गायब थे। वहीं विद्यालय में एक शिक्षिका शाहजहां बेगम उपस्थित पाइ्र गई। एमडीएम के चूल्हा में कई दिनों से आग नहीं जली थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि मध्याहन भोजन छात्रों को नसीब नहीं होता है। बगल के मध्य विद्यालय उर्दू सनकन्हई में मध्याहन भोजन की स्थिति और भी विकट थी। एचएम मो. ईदरिस द्वारा छात्रों की फर्जी उपस्थिति बनाकर मध्याहन भोजन का बारा-न्यारा करने का मामला जांच में सामने आया। जांच के दौरान जहां विद्यालय में 21 छात्र भोजन करते पाए गए वहीं एक दिन पूर्व सोमवार 30 नवम्बर को 93 छात्रों की उपस्थिति बनाकर एचएम द्वारा मध्याहन भोजन की खपत दिखाई गई। एसडीओ ने बताया कि इससे सा़फ स्पष्ट होता है छात्रों की फर्जी उपस्थिति दिखाकर मध्याहन भोजन का बारा-न्यारा किया जाता रहा है। इससे पूर्व +2 ओंकार उच्च विद्यालय की जांच की गई। जिसमें शिक्षक कुमार अमरदीप निर्धारित समय साढे नौ बजे आने के बदले दो घंटा विलम्ब से साढ़े ग्यारह बजे पहुंचने जिसके विरुद्ध कार्रवाई के लिए लिखा गया है। गोड़ाबौराम प्रखंड व अंचल कार्यालय का औचक निरीक्षण किया गया। जहां सभी कर्मी उपस्थित पाए गए। .इसके बाद एसडीओ ने पीएचसी गोड़ाबौराम का औचक निरीक्षण करने बौराम पहुंचे जहां अस्पताल में कार्यालय कर्मी मनोज कुमार साफी अनुपस्थित पाए गए। दवा भंडारण की जांच की गई। जांच में ओपीडी तथा इनडोर की दवाओं में काफी कमी देखी गई। ओपीडी में 33 प्रकार की दवा रहने की जगह मात्र 18 प्रकार की दवा पाई गइ्र। इसी प्रकार इनडोर में 112 प्रकार की दवा में से मात्र 13 प्रकार की दवा अस्पताल में उपलब्ध थी।-----------


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