बहादुरपुर प्रखंड प्रमुख की कुर्सी बचनी तय
दरभंगा। बहादुरपुर प्रखंड प्रमुख चंद्रावती देवी पर विपक्षी खेमा द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को
दरभंगा। बहादुरपुर प्रखंड प्रमुख चंद्रावती देवी पर विपक्षी खेमा द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बुधवार को आयोजित विशेष बैठक से पूर्व ही विपक्षी खेमा की ओर से विजया लक्ष्मी ने अपने सर्मथक पंसस के साथ प्रमुख को समर्थन व्यक्त कर दिया। बताया जा रहा है कि पूर्व प्रमुख विजया लक्ष्मी ने आधा दर्जन पंसस के मोल- भाव से तंग आ कर यह निर्णय लिया है। जिसके कारण प्रमुख चंद्रावती देवी की कुर्सी बचनी तय हो गई है। कहा यह जा रहा है, कि 28 सितम्बर को प्रमुख के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आयोजित बैठक में जिस चार पंसस रामभद्रपुर के राम बिहारी राम, बसतपुर के बिरजू मुखिया, उधरा-महापारा के नरेश मुखिया और दिलावरपुर के पंसस रामकिशुन यादव ने प्रमुख के खिलाफ मत देकर प्रमुख की कुर्सी को गिरा दिया था। लेकिन प्रमुख ने पूरे मामले को असंवैधानिक कह कर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने फिर से अविश्वास प्रस्ताप पर विशेष बैठक बुलाने का निर्देश दिया। अविश्वास प्रस्ताव की बैठक निर्धारित होने से दो सप्ताह पूर्व इस चारों पंसस ने पाला बदलते हुए प्रमुख के पाले में चले गए। फिर पूर्व प्रमुख विजया लक्ष्मी ने अंतिम क्षणों तक समर्थन जुटाने का प्रयास किया। जिसमें वह असफल रहीं। पूर्व प्रमुख विजया लक्ष्मी ने आरोप लगाया कि आधा दर्जन पंसस जिसमें से प्रमुख रूप से औक्षौल के मनोज कुमार ¨सह, तारालाही के विजय यादव, खराजपुर के अनिता राय आदि ने खुलेआम अविश्वास प्रस्ताव में वो¨टग करने को लेकर नजराना मांगने का काम किया। पंसस के पूरे पांच साल के कार्यकाल में इन आधा दर्जन पंसस ने जनता के विश्वास को धोखा दिया और पंसस के स्तर को बोली लगाकर दूषित करने का काम किया। वहीं प्रमुख चंद्रावती देवी ने पूर्व प्रमुख विजया लक्ष्मी को महागठबंधन की एकता को लेकर उनके प्रति आस्था और समर्थन करने को लेकर उनके सभी समर्थक पंसस को साधुबाद दिया है। इधर तारालाही के पंसस गोपी रमण यादव सहित आधा दर्जन पंसस ने कहा कि हम सभी 2 दिसंबर को आयोजित होने वाली विशेष बैठक में शामील होगें। चाहे परिणाम किसी के पक्ष में जाए। हम सभी हाईकोर्ट के निर्देश का पालन करेंगे। क्योंकि 18 पंसस ने कोर्ट में शपथ-पत्र दिया था। कि हम सभी ने अविश्वास प्रस्ताव के विरूद्ध में मत दिया है। जबकि कुछ पंचायत समिति इसलिए इस बैठक में भाग नहीं लेना चाहते है कि दो माह बाद त्रिस्तरीय पंचायत का चुनाव होना है। ऐसे में कोई भी इस पूरे प्रकरण में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। कहा जा रहा है कि प्रमुख और पूर्व प्रमुख के हाथ मिलाने से उन पंसस को झटका लगा है जो मौल-भाव कर रहे थे। इधर बीडीओ अविनाश कुमार ने 2 दिसंबर को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आयोजित विशेष बैठक को लेकर विधी-व्यवस्था से लेकर अन्य खानापूर्ति पूरा करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कौन पंसस क्या कर रहा है। उससे मुझे कोई लेना-देना नहीं है। मुझे हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना है। जिसके कारण विशेष बैठक की तैयारी की जा रही है। डीएम को भी विधि व्यवस्था को लेकर फोर्स की मांग की जा रही है।-------------