बच्चों की कूची में झलकी मद्य सेवन की खामियां
दरभंगा। मद्य सेवन से मनुष्य को बीमारियां तो होती ही है, अकाल मृत्यु भी होती है। बसे बसाये घर कैसे बर
दरभंगा। मद्य सेवन से मनुष्य को बीमारियां तो होती ही है, अकाल मृत्यु भी होती है। बसे बसाये घर कैसे बर्बाद हो जाते हैं इन्हें दर्शाया बच्चों ने अपनी कूचियों से। गुरुवार को एमएल एकेडमी में मद्य निषेध दिवस पर उत्पाद एवं शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित निबंध एवं चित्रांकन प्रतियोगिता में बच्चों ने मद्य सेवन के सामाजिक पक्ष जैसे घरेलू ¨हसा, अपराध, छेड़छाड़ के अलावा आर्थिक पक्ष पर भी जमकर अपनी कूचियां चलायी। इससे पूर्व एमएल एकेडमी के प्राचार्य पर डाऐ. विश्व भारती यादव की अध्यक्षता में प्रतियोगिता का उद्घाटन उत्पाद अधीक्षक दीनबंधु प्रसाद ने किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के नियम कुछ ऐसे हैं कि मद्य सेवन की अनुमति भी दी गयी है। लेकिन जागरूकता फैलाकर हम लोगों को इसकी हानि से अवगत करा सकते हैं। मद्य निषेध दिवस मनाने का सरकार का उद्देश्य है कि लोग शराब के सेवन से होने वाली हानि को समझे। शांति नायक हाईस्कूल बहेड़ी के प्राचार्य राम बुझावन यादव और पूर्वांचल हाईस्कूल के प्राचार्य डा. जगदीश प्रसाद भारती ने कहा कि हमारे धर्म में नारी का सम्मान सर्वोपरि है। लेकिन मद्य सेवन से सबसे अधिक कोई प्रताड़ित होता है तो वह नारी है। प्रताडऩा के रूप भले अलग अलग हो सकते है लेकिन यह पीड़ा वही समझते हैं जिसका पति शराब पीकर आता है। प्रो. राम नारायण राय ने बतौर विशिष्ट अतिथि कहा कि मद्य निषेध दिवस के संदेश के व्यापक प्रचार प्रसार से हम समाज को पूर्ण शराबबंदी के लिए बेहतर ढंग से तैयार कर सकते हैं। इस अवसर पर शराब बंदी पर सर्वश्रेष्ठ निबंध लिखने के लिए विद्यापति हाईस्कूल की जिज्ञासा कुमारी को प्रथम, पूर्वांचल हाईस्कूल की नैंसी कुमारी को द्वितीय और एलआर गर्ल्स स्कूल की आमना हसरत को तृतीय पुरस्कार से नवाजा गया। एलआर गर्ल्स स्कूल की प्रियंका कुमारी को चित्रांकन का प्रथम, साक्षी कुमारी को द्वितीय और पूर्वांचल स्कूल की स्वाति कुमारी तथा जिला स्कूल के राहुल कुमार को संयुक्त रूप से तृतीय पुरस्कार दिया गया। प्रथम पुरस्कार 1000, द्वितीय में 750 और तृतीय में 500 रुपये समतुल्य राशि के पुरस्कार शामिल थे।-------