कबीर के रास्ते पर चलने से ही भाईचार व सौहार्द संभव : उपेंद्र दास
दरभंगा। कबीर के उपदेश से ही समाज में भाईचारा व सौहार्द लाया जा सकता है। आज ¨हदू व मुस्लिम दोनों एक
दरभंगा। कबीर के उपदेश से ही समाज में भाईचारा व सौहार्द लाया जा सकता है। आज ¨हदू व मुस्लिम दोनों एक दूसरे से डरे हुए है। कबीर का कहना है कि इस संसार को बनाने वाले हम हैं। हमसे उपर कोई नहीं है। जिसे पहचानने की आवश्यकता है। जो इसे पहचानेगा उसका काल भी नहीं कुछ कर सकता है। हमको जो पहचानेगा वह सीधे स्वर्ग को जाएगा। ये बातें रधेपुरा में दो दिवसीय संत कबीर सम्मेलन के समापन के अवसर पर महात्मा उपेन्द्र दास ने कहीं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गुरू पूर्णिमा के दिन कबीर विचार प्रचार प्रसार का आयोजन विभिन्न जगहों पर किया जाता है। यह 38 वां सम्मेलन है। इसका उद्देश्य समाज में आपसी भाईचारा व सौहार्द के अलावा कबीर के वचनों की राह पर आम लोगों को चलने के लिए प्रोत्साहित करना है। दूसरे दिन भंडारा का भी आयोजन किया गया। जिले के सभी प्रखंडों से कबीर को मानने वाले लोग इस सम्मेलन में भाग लिए। कबीर विचार प्रचार वचनवंश आश्रम रघेपुरा के संस्थापक महात्मा देवनारायण दास ने कहा कि इस सम्मेलन में लगभग दस हजार लोगों ने भाग लिया। इसे लेकर आसपास की पंचायतों और गांवों में उत्साह का माहौल देखा गया। सम्मेलन में महात्मा उपेन्द्र दास, रामचन्द्र दास, ज्ञानी दास, विजय दास, राम विलास दास, लखिन्द्र दास ने कबीर के विचार को उपस्थित भक्तों को सुनाया और उनके पथ पर चलने को कहा। प्रो. शिव नारायण पासवान, प्रो. संतोष कुमार पासवान, राम नारायण पासवान, अमित अमर, मृत्युंजय प्रभाकर आदि ने लोगों से कबीर के बताए रास्ते पर चलने की अपील की। धन्यवाद ज्ञापन बहादुरपुर प्रमुख चंद्रावती देवी ने किया।
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