समारोहपूर्वक हुआ स्मृति नमन का लोकार्पण
दरभंगा। संस्कृत के मूर्धन्य विद्वान पं.राधाकृष्ण की स्मृति में रविवार को स्थानीय एमएमटीएम कॉलेज में
दरभंगा। संस्कृत के मूर्धन्य विद्वान पं.राधाकृष्ण की स्मृति में रविवार को स्थानीय एमएमटीएम कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उनकी यादों को संजोने वाली स्मारिका स्मृति नमन का लोकार्पण किया गया। मौके पर वक्ताओं ने कहा कि पूर्वजों की यादों को सहेजने से नई पीढ़ी को दिशा मिलती है और उनमें उत्साह का संचार होता है। समाज में आ रहे गिरावट के दौर में गुरु-शिष्य परंपरा के सशक्त कड़ी पं.झा के चरित्र को आत्मसात करना समाज के लिए उपयोगी है। मौके पर लनामिविवि के कुलपति प्रो.साकेत कुशवाहा ने कहा कि पूर्वजों परंपरा को कायम रखना हमसब का दायित्व है। मिथिला की धरती पर विद्वानों की सशक्त कड़ी रही है। का¨सद संस्कृत विवि के कुलपति डॉ.देवनारायण झा ने कहा कि पं.राधाकृष्ण झा ने संस्कृत के विकास व गुरु-शिष्य परंपरा को मजबूत किया। ¨हदी के विद्वान डॉ.प्रभाकर पाठक ने भी उनके अवदान की चर्चा की। विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ.बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि पं.झा ने गुरु-शिष्य परंपरा की जो नींव रखी वह कायम है। शोभाकांत जयदेव जैसे उदभट्ट विद्वान के गुरु रहे पं. का योगदान अविस्मरणीय है। मौके पर चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, संतोषदत्त झा समेत कई लोग मौजूद थे।